नहीं मिलने वाली सीलिंग से राहत

विशेष संवाददाता, नई दिल्ली

दुकानदारों को सीलिंग से बचाने के लिए डीडीए के नए प्रस्तावों पर बड़े पैमाने पर आई आपत्तियों ने जाहिर कर दिया है कि इन प्रस्तावों से सीलिंग से कोई राहत नहीं मिलने वाली है। एमसीडी अधिकारी भी मान रहे हैं कि मास्टर प्लान में प्रस्तावित बदलाव दुकानदारों को सीलिंग से नहीं बचा पाएगा। सीलिंग रोकने के लिए कहीं से भी कोई आदेश नहीं मिला है। एमसीडी आज सुबह कह रही है कि पुलिस फोर्स मिलते ही सीलिंग अभियान शुरू कर दिया जाएगा।

सीलिंग रोकने को डीडीए द्वारा लाए गए प्रस्तावों का हर किसी पार्टी और वर्ग ने विरोध किया है और उस पर आपत्ति दर्ज करते हुए संशोधन के सुझाव दिए हैं। इनमें बीजेपी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी के अलावा विभिन्न कारोबारी संगठन भी शामिल हैं। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार गोयल का कहना है कि डीडीए के प्रस्तावित संशोधन जमीनी नहीं है, इसलिए आरडब्ल्यूए के अलावा कारोबार और राजनैतिक दल भी उस पर आपत्ति उठा रहे हैं। खास बात यह है कि एमसीडी अधिकारी भी मान रहे हैं कि जो नए संशोधन डीडीए लेकर आ रहा है, उससे किसी प्रकार की राहत नहीं मिलने जा रही है। उसका कारण यह है कि कन्वर्जन चार्ज की पैनल्टी घटाई गई है, इस चार्ज से कोई छूट नहीं दी गई है।

साउथ एमसीडी के इंजीनियर विभाग के एक आला अधिकारी के अनुसार उन्होंने डीडीए के प्रस्ताव का अध्ययन कर लिया है। उसमें सीलिंग से बचाने के ठोस उपाय नहीं दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिन नई प्रॉपर्टी निर्माण का कमर्शल इस्तेमाल किया जाना है, उनकी बनावट में इन प्रस्तावों के अनुसार संशोधन कर दिया जाए तो राहत मिल सकती है। बाकी पूरी दिल्ली में जहां भी रिहायशी इलाके में कमर्शल गतिविधियां चलाने वालों को हर हाल में कन्वर्जन चार्ज देना होगा। खास बात यह है कि नॉर्थ एमसीडी के अफसरों ने सीलिंग के लिए पूरे 15 दिन का चार्ट तक तैयार कर लिया है और इसके लिए पुलिस अफसरों से बल की भी मांग कर दी है। दूसरी ओर आज मॉनिटरिंग कमिटी का कहना है कि सीलिंग को लेकर कोई रोक नहीं है। यह अभियान जारी रहेगा।

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