दबोचकर मारी गई थी सब इंस्पेक्टर अख्तर को गोली!

श्याम वीर चावड़ा, ग्रेटर नोएडा

दादरी एनकाउंटर में शहीद सब इंस्पेक्टर अख्तर खान की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला है कि गोली उनकी बॉडी से पार नहीं हुई थी। पोस्टमॉर्टम करने वाली टीम ने गोली को बॉडी के पिछले हिस्से से बरामद किया था, जहां छेद बन गया था। यह भी पता चला है कि उन्हें गोली ऊपर से और बेहद नजदीक से मारी गई है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि उन्हें नीचे बैठी हालत में अथवा दबोच कर गोली मारी गई। इस मामले में पुलिस ने एक आरोपी को हिरासत में लिया है। हालांकि पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है। बदमाशों को पकड़ने के लिए पुलिस ने 50 से अधिक जगहों पर दबिश दी है। जावेद का अभी सुराग नहीं लगा है।

3 डॉक्टरों की टीम ने किया पोस्टमॉर्टम

रविवार सुबह दादरी की नई आबादी में हिस्ट्रीशीटर जावेद को अरेस्ट करने गई पुलिस पर फायरिंग की गई थी। सब इंस्पेक्टर अख्तर खान शहीद हो गए थे। अख्तर के परिजनों ने पीछे से गोली मारने का आरोप लगाते हुए पुलिस पर साजिश का आरोप लगाया था। आरोपों को ध्यान में रखते हुए पोस्टमॉर्टम तीन डॉक्टरों की एक टीम ने किया। इसकी विडियो रिकॉर्डिंग कराई गई। पोस्टमॉर्टम करने वाली टीम में शामिल रहे डॉ. संजीव सारस्वत ने बताया कि एसआई अख्तर खान को सामने से गले के बीच में गोली लगी थी, जो नीचे की तरफ जाते हुए सीने में से होकर हुए कंधे के नीचे की हड्डी में फंस गई थी। उन्हें केवल एक गोली लगी थी। गोली शरीर के पिछले हिस्से के लास्ट में पहुंचकर रुक गई थी, जिससे गोली के साइज के बराबर सुराख बन गया था। गोली इस सुराख के पास फंसी थी। पोस्टमॉर्टम के दौरान इसे निकाला गया। बॉडी में आगे 3.5×3 सेमी व पिछले हिस्से में 2×2.5 सेमी का सुराख है। गोली 3 से 5 फीट की दूरी से मारी गई है। पुलिसकर्मियों के मुताबिक यह 12 बोर की गोली है।

ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि गोली ऊंचाई से मारी गई। पुलिस के अनुभवी अधिकारियों के अनुसार हो सकता है कि हाथापाई हुई हो, जिसमें उसे पकड़कर ऊपर से नीचे की ओर गोली मारी गई हो। अख्तर की पिस्टल से भी गोली चलाई गई थी। फॉरेंसिक टीम ने प्राथमिक जांच में कहा है कि पिस्टल पर अख्तर के फिंगर प्रिंट मिले हैं।

बदमाशों का पैरोकार हवालात में

इस घटना में पुलिस की निगरानी में रखे गए घायल आरोपी औरंगजेब की पैरवी करने पहुंची बीएसपी से जुड़े एक नेता व उसके दो साथियों को दादरी पुलिस ने हवालात में डाल दिया। मंगलवार शाम इन्हें हिरासत में लिया गया था और देर रात करीब 2 बजे चेतावनी देकर व केस में मदद करने का आश्वासन लेकर छोड़ा गया। यह नेता भी अब जांच के दायरे में रहेगा। आरोप है कि इसी नेता की पैरवी के चलते कुछ दिनों पहले पुलिस ने जावेद को छोड़ा था। औरंगजेब को उसके परिजन नाबालिग बता रहे हैं जबकि पुलिस ने उसे बालिग कहा है।

पुलिस, प्रत्यक्षदर्शियों व सरकारी अस्पताल के रिकॉर्ड की मानें तो एसआई अख्तर खान का शव घंटों नहीं पड़ा रहा था। पुलिस रिकॉर्ड व वर्ड 25 के सभासद हनीफ के अनुसार सुबह करीब 4:50 बजे पुलिस टीम फुरकान के घर पहुंची थी। वहीं दादरी की सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. अब्दुल सलाम के अनुसार अस्पताल में शव करीब 5:30 बजे लाया गया था। वहीं पुलिस पर आरोप लगा था कि शव करीब एक घंटे से ज्यादा समय तक मौके पर पड़ा रहा था।

परिजन करेंगे विरोध

परिजनों में पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर अभी भी रोष है। विरोध के लिए परिजन बुधवार को दादरी आने वाले थे, लेकिन अख्तर खान की पत्नी की तबियत खराब होने के कारण वह नहीं आए। परिजनों का कहना है कि वह गुरुवार या शुक्रवार को दादरी में बड़ी संख्या में पहुंच कर पुलिस का विरोध करेंगे।

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