ताज महल का फोटो देखकर SC हुआ चिंतित, पूछा- ‘क्यों बदल रहा है रंग?’

आगरा
दुनिया के अजूबों में से एक ताज महल पर प्रदूषण के प्रभाव को लेकर अक्सर चिंता व्यक्त की जाती है। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी विश्व धरोहर के बदलते रंग पर मंगलवार को सवाल किया है। कोर्ट ने कहा है कि सफेद रंग का यह स्मारक पहले पीला हो रहा था लेकिन अब यह भूरा और हरा होने लगा है।

न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने केंद्र को सुझाव दिया कि भारतीय और विदशी विशेषज्ञों की मदद लेकर पहले इसके नुकसान का आकलन किया जाए और फिर इस ऐतिहासिक स्मारक का मूल रूप बहाल करने के लिए कदम उठाए जाएं। पीठ ने कड़े शब्दों में कहा, ‘हमें नहीं पता कि आपके पास इसकी विशेषज्ञता है या शायद नहीं है। यदि आपके पास विशेषज्ञता हो तो भी आप इसका उपयोग नहीं कर रहे हैं। या शायद आप परवाह नहीं करते।’

तस्वीरें देख किया सवाल
इससे पहले, न्यायालय ने पर्यावरणविद अधिवक्ता महेश चंद्र मेहता द्वारा पेश तस्वीरों का अवलोकन किया और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एएनएस नाडकर्णी से सवाल किया कि ताज महल का रंग क्यों बदल रहा है। पीठ ने कहा, ‘पहले यह पीला था और अब यह भूरा और हरा हो रहा है।’ नाडकर्णी ने पीठ से कहा कि ताज महल का प्रबंधन पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को करना होता है।

9 मई को होगी सुनवाई
शीर्ष अदालत ने इस ममले में अब नौ मई को सुनवाई करने का निश्चय किया है। पर्यावरणविद मेहता ने मथुरा तेल शोधक संयंत्र से निकलने वाले धुएं से हो ने वाले वायु प्रदूषण से ताज महल को हो रहे नुकसान और इसके संरक्षण के लिए जनहित याचिका दायर कर रखी है। शीर्ष अदालत लगातार ताज महल और इसके आसपास के इलाकों की गतिविधियों की निगरानी कर रही है।

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