तमिलनाडु में जयललिता के मुख्यमंत्री बनने के साथ शुरू हुई नेता पूजन की परंपरा, शपथ के बाद कई हुए दंडवत

MGR की पार्टी दो धड़े में बंट गई थी। उस समय जब जयललिता का एक पक्ष खुलकर विरोध कर रहा था तो वहीं‌ गुट एमजीआर का उत्तराधिकारी मान बैठा था।‌ उनके विश्वास ने जयललिता के मन में हुंकार भरी और वह एमजीआर के धड़े की लीडर बन गईं।

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