डी एल सचदेव ने कहा, पंजाब रोडवेज और हरियाणा रोडवेज की बसें सड़कों से गायब रहीं। उत्तर प्रदेश सड़क परिवहन की आधे से ज्यादा बसें भी नहीं चली। लेकिन डीटीसी की बसें और दिल्ली मेट्रो आम दिनों की तरह चली।

वाम शासित केरल में हड़ताल का पूरा असर रहा। मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने स्वयं इसका समर्थन किया। फेसबुक पर हड़ताल का समर्थन करने को लेकर वह विवादों में भी आयें और भाजपा ने उनकी आलोचना की।

केरल से मिले समाचार के अनुसार राज्य में सार्वजनिक परिवहन सड़कों से नदारद रहे और दुकानें तथा व्यापार प्रतिष्ठानें बंद रहीं। पूरे राज्य में आटो रिक्शा, टैक्सी, केरल राज्य सड़क परिवहन निगम तथा निजी बसें सड़कोें पर नहीं उतरी।

राज्य की राजधानी तिरूवनंतपुरम में प्रमुख सड़कें विरान रही। वहां विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र :वीएसएससी: समेत इसरो के सैकड़ों कर्मचारी अपने दफ्तर नहीं पहुंच सके। प्रदर्शनकारियों ने इसरो कार्यालय को जाने वाली सड़कों पर कब्जा जमाये रखा था।

तेलंगाना में बैंकिंग गतिविधियां पूरी तरह से थम गयी। विभिन्न बैंकों के 15,000 से अधिक कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए।

एआईबीईए के संयुक्त सचिव बी एस रामबाबू ने कहा कि अन्य ट्रेड यूनियनों के साथ मिलकर सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किये गये।

तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन संगठन की बसें सड़कों पर नहीं उतरी।

तेलंगाना राजपत्रित अधिकारी संघ के महासचिव ए सत्यनारायण ने कहा कि राज्य सरकार के दो लाख :राजपत्रित, गैर-राजपत्रित तथा चतुर्थ श्रेणी: लाख कर्मचारियों ने हड़ताल का समर्थन किया।

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