टरीजा मे ने यूरोपियन यूनियन पर चुनाव को प्रभावित करने का आरोप लगाया

लंदन
यूनाइटेड किंगडम की प्रधानमंत्री टरीजा में ने यूरोपियन यूनियन के नेताओं पर आरोप लगाया है कि वे ब्रेग्जिट को धमकाकर आगामी आम चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। चुनाव को लेकर किए गए पोलों में मे की कन्जरवेटिव पार्टी विपक्ष की लेबर पार्टी से आगे चल रही है। ब्रिटेन की रानी एलिजाबेथ के यहां जाकर संसद भंग कराने के बाद मे ने कहा कि कुछ लोग (EU के नेता और अधिकारी) नहीं चाहते कि ब्रेग्जिट को लेकर बातचीत सफल हो। इसी हफ्ते जर्मनी के एक अखबार के मुताबिक, मे और यूरोपियन कमिशन के अध्यक्ष जॉन-क्लोड युंकर के बीच हुए डिनर आयोजन में जॉन ने मे को बताया कि ब्रेग्जिट सफल नहीं हो सकता। मे ने जर्मन अखबार की रिपोर्ट को खारिज किया है।

एलिजाबेथ से मिलने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए मे ने कहा, ‘यूरोपियन प्रेस में ब्रिटेन की ओर से बातचीत को सही तरीके से नहीं रखा गया। बातचीत को लेकर यूरोपियन कमिशन का रवैया काफी सख्त रहा है। यूरोपियन नेताओं और अधिकारियों की तरफ से ब्रिटेन को धमकियां दी गई है।’ उन्होंने कहा, ‘यह सब इसलिए किया जा रहा है ताकि आम चुनाव के परिणाम को प्रभावित किया जा सके।’ मे के इन आरोपों पर EU की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

युंकर से हुई बातचीत को लेकर मे ने खुद के ‘बहुत जिद्दी महिला’ होने की बात भी दोहराई। उधर EU और मे के बीच हो रही इस खींचतान के बीच लेबर पार्टी ने मे पर EU से डील करने का आरोप लगाया है। पार्टी के सीनियर नेता चुका उमना ने कहा, ‘यूरोपियन साझेदारों से इस तरीके से गैरजरूरी लड़ाई लड़ कर प्रधानमंत्री एक अच्छी डील कर रही हैं।’

‘ब्रेग्जिट बिल’ पर विवाद
यूरोपियन यूनियन के प्रमुख मिशेल बार्निये ने बुधवार को जोर देते हुए कहा कि EU यूनाइडेट किंगडम को सौ बिलियन यूरो (करीब 70 अरब रुपये) का बिल देकर कोई सजा नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि यूरोपियन यूनियन से बाहर जाना एक तुरंत या पीड़ाहीन प्रक्रिया होगी। उन्होंने कहा, ‘सजा जैसी कोई बात नहीं है। कोई ब्रेग्जिट बिल नहीं है। यह फाइनैंशल सेटल्मेंट केवल अकाउंट्स के निबटारे को लेकर है।’ मिशेल ने बताया कि यूनाइडेट किंगडम से ब्लैंक चेक मांगने का सवाल ही नहीं है। यह कोई गंभीर सवाल नहीं है।

दरअसल फाइनैंशल टाइम्स की एक रिपोर्ट को लेकर ब्रिटिश ब्रेग्जिट मिनिस्टर डेविड डैविस ने कहा था कि उनका देश बातचीत कर आसानी से EU से बाहर निकल सकता है। रिपोर्ट में बताया गया था कि EU से निकलने के लिए ब्रिटेन द्वारा EU को दी जाने वाली रकम 60 बिलियन यूरो से 100 बिलियन यूरो कर दी गई है। इस पर डेविड ने कहा था, ‘हम सौ बिलियन का भुगतान नहीं करेंगे। (EU से) बाहर निकलने की स्थिति में कुछ भुगतान नहीं करना है।’

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