जूनियर-सीनियर महिला क्रिकेट टीम के पास फिजिकल ट्रेनर और फिजियो तक नहीं

प्रवीण मोहता, कानपुर
रीता डे, नीतू डेविड, मंजू शर्मा, दीप्ति शर्मा, एकता बिष्ट और पूनम यादव जैसी शानदार महिला क्रिकेटर देने वाले उत्तर प्रदेश में महिला क्रिकेट का हाल बुरा है। सूत्रों का आरोप है कि पुरुषों के मुकाबले महिला क्रिकेटर्स से यूपीसीए में ‘दोयम दर्जे’ का बर्ताव किया जाता है। उनकी डायट में सलाद और चिकन-मटन जैसी चीजें शामिल नहीं होतीं। टीम में ट्रेनर और फिजियो भी दूर की कौड़ी हैं।

यूपी में मैच तो डायट कम
सूत्रों के अनुसार, यूपी में अंडर-16, 19 और 23 और सीनियर लेवल पर बनने वाली टीमों के लिए डायट एक बड़ी समस्या है। कानपुर में मैच होने पर लड़कियों को ब्रेकफास्ट में पोहे, आलू के पराठे और दलिये जैसी चीजों के अलावा सख्त रूप से 2 अंडे और एक केला मिलता है। जबकि प्रोटीन के लिए अंडा बेहद जरूरी होता है। लंच में मटन, चिकन, सूप और सलाद जैसी चीजें गायब रहती हैं। सलाद के नाम पर प्याज और मूली से काम चलाना पड़ता है। पोषक तत्वों के लिए गाजर, टमाटर, चुकंदर और खीरे को महत्वपूर्ण माना जाता है। कई बार लड़कियों को मजबूरन अंडे ‘चोरी’ करने पड़ते हैं।

7 साल पुराने रेट से पेमेंट
जानकारों का कहना है कि 7 साल पहले यूपीसीए ने लड़कियों के ट्रायल के लिए डायट (ब्रेकफास्ट-लंच) के लिए 120 रुपये और मैच के लिए (ब्रेकफास्ट, लंच और हाईटी) 300 रुपये तय किए थे। लड़कों के लिए मैच-डे पर डायट के लिए 400 रुपये दिए जाते हैं। क्रिकेटर्स का कहना है कि दूसरे राज्यों में मैच होने पर डायट की दिक्कत नहीं आती है।

रुपये न सपोर्ट स्टाफ
बाकी राज्यों की प्लेयर्स से मुकाबले के लिए लड़कियों के पास टीम में सपोर्ट स्टाफ की सुविधा भी यूपीसीए ने नहीं मुहैया कराई है। सूत्रों के अनुसार, अंडर-16 से लेकर सीनियर विमिंस टीम तक किसी के पास भी फिजिकल ट्रेनर और फिजियोथेरपिस्ट नहीं होता। इस कारण लड़कियों की फिटनेस जांचने या चोट की स्थिति में परंपरागत तरीके अपनाए जाने की मजबूरी होती है। बंगाल, कर्नाटक और मुंबई जैसी टीमों ने अपने सभी फॉर्मेट में लड़कियों को विडियो एनालिस्ट, फिजियो और ट्रेनर की सुविधाएं दे रखी हैं। बीते दिनों कानपुर में अंडर-19 वनडे लीग खेलने आईं छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की टीमों के पास ट्रेनर और फिजियो थे।

यूपीसीए ने आरोप नकारे

यूपीसीए के सचिव युद्धवीर सिंह के अनुसार, लड़के-लड़कियों में कोई अंतर नहीं है। आज के दौर में ऐसा संभव भी नहीं है।

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