जीडीपी का 1.6 प्रतिशत रह सकता है कैड: नोमुरा

नयी दिल्ली, 24 मार्च :: घरेलू अर्थव्यवस्था में सुधार आने पर आयात बढ़ने से देश का चालू खाते का घाटा :कैड: वर्ष 2016-17 में चालू खाते का घाटा सकल घरेलू उत्पाद बढ़ कर :जीडीपी: के 1.6 प्रतिशत तक जा सकता है। नोमुरा की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।

वैश्विक वित्तीय सेवा क्षेत्र की इस एजेंसी के अनुसार कैड बढ़ने के बावजूद नियंत्रण के दायरे में ही रहेगा। एजेंसी के शोध पत्र में कहा गया है, हमारा अनुमान है कि भारत का चालू खाते का घाटा 2017 में जीडीपी का 1.6 प्रतिशत तक पहुंच जायेगा। वर्ष 2015-16 में यह 0.5 प्रतिशत रहा था। हमारा मानना है कि घरेलू स्तर पर सुधार होने से आयात में वृद्धि तेज होगी जबकि दूसरी तरफ बढ़ते संरक्षणवाद से अदृश्य स्तर पर होने वाला प्रवाह कम होगा।

सेवा क्षेत्र के निर्यात में कमी से अप्रैल-दिसंबर 2016 में चालू खाते का घाटा बढ़कर 7.9 अरब डालर पर पहुंच गया। यह जीडीपी का 1.4 प्रतिशत रहा। हालांकि यह घाटा वहनीय स्तर पर बना रहेगा। देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का शुद्ध प्रवाह जीडीपी के 2 प्रतिशत के आसपास बना रहेगा जो कि कैड के वित्तपोषण के लिये काफी होगा। इस तरह भुगतान संतुलन बना रहेगा।

आयातित सामान के मूल्य तथा सेवाओं और निवेश आय, निर्यात मूल्य के बीच के अंतर को कैड कहा जाता है। जुलाई-सितंबर तिमाही में यह 3.4 अरब डालर रहा है।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

बिज़नस न्यूज़, व्यापार समाचार भारत, वित्तीय समाचार, News from Business