जाने कहां गए…

राजकपूर के जमाने का ये गाना दिल्ली की सर्दियों में आधा अधूरा गुनगुनाया जा रहा है। कांग्रेस के यार लोग गाते हैं। अगर छुटभैये हैं, तो पुराने दिनों को याद करके गाते हैं, अगर बड़े वाले हैं, तो सिर्फ आधा, यानी सिर्फ “जाने कहां गए”.. ही गुनगुनाकर चुप हो लेते हैं। रहस्य यह है कि दिल्ली में आपको यह तो पता होता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस समय कहां हैं- घर में हैं, दफ्तर में हैं, या कहीं जा रहे हैं, लेकिन कांग्रेस के युवराज का अता-पता आज भी कांग्रेसी नहीं खोज पाते। युवराज से नए साल पर हैप्पी न्यू ईयर हुआ, तो भी ऑनलाइन। कुछ को ई-मेल से बधाई मिली, ई-मेल में राहुल गांधी ने अतीत की चुनौतियों और नए साल के संकल्पों की चर्चा की है। लेकिन वह भी किसी अज्ञात स्थान से।   कैसा नया साल ?   चलो युवराज आराम से तो हैं। यहां बीजेपी के नेताओं-मंत्रियों के लिए आराम की कौन कहे, नए साल की मौज-मस्ती और सैर-सपाटा भी दूभर रहा। मंत्री हैं, तो छुट्टी सिर्फ पीएम मंजूर करेंगे, सांसद हैं, तो छुट्टी के लिए संसदीय कार्य मंत्री से लिखवाकर लाइए। कई लोगों ने तो बाल-बच्चों सहित प्लान भी बना…

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