जानें कैसे बदल जाएगा निवेश का अंदाज

सुधा श्रीमाली/नविता स्वरूप, मुंबई
जानकार बजट से पहले ही यह कयास लगा रहे थे कि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स (एलटीसीजी) की वापसी हो सकती है और यही हुआ भी। आईआईएफएल के चेयरमैन निर्मल जैन ने बजट के दौरान ट्विटर पर लिखा, ‘हैरानी की बात है कि सरकार ने सिक्युरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) खत्म नहीं किया और एलटीसीजी लगा दिया। गौरतलब है कि इसे एलटीसीजी के विकल्प के तौर पर लगाया गया था।

पोर्टफोलियो में ज्यादा बदलाव संभव
रिलायंस म्यूचुअल फंड के सीईओ संदीप सिक्का कहते हैं, ‘सरकार के 14 साल के गैप के बाद लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स लगाने से निवेशक अपने पोर्टफोलियो में ज्यादा बदलाव कर सकते हैं और इक्विटी इन्वेस्टमेंट में उनकी दिलचस्पी भी कम हो सकती है।’

क्या है गणित
मार्केट एकसपर्ट एस.पी. तुल्सयान कहते हैं, ‘वित्त मंत्री ने निवेशकों को 31 जनवरी तक लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स से छूट दी है। अगर ऐसा नहीं होता तो बाजार में बड़ी गिरावट आ सकती थी। यह सरकार की नेक-नीयत दिखाती है। बाजार इसे झटके से संभल जाएगा। अप्रैल से निवेशकों को शेयर बेचने या इक्विटी म्यूचुअल फंड यूनिट्स को 1 साल के बाद बेचने पर 1 लाख रुपये से अधिक के मुनाफे पर 10 पर्सेंट का टैक्स देना होगा। अभी इक्विटी पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स नहीं लगता।’

मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशल के चेयरमैन मोतीलाल ओसवाल कहते हैं, ‘सरकार के एलटीसीजी लगाने से निवेशकों की दिलचस्पी लंबे समय तक होल्डिंग बनाए रखने में घट सकती है क्योंकि शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स के बीच गैप सिर्फ 5 पर्सेंट का है।’

गौरतलब है कि गुरुवार को ट्रेडिंग के दौरान उतार-चढ़ाव के बाद बेंचमार्क इंडेक्स मामूली कमजोरी के साथ बंद हुए। फिनविन फाइनेंशियल प्लानर्स के फाउंडर मेल्विन जोसेफ ने बताया, ‘बजट के दूसरे पॉजिटिव फैक्टर्स की वजह से इक्विटी रिटर्न कुछ बढ़ सकता है, लेकिन इससे एलटीसीजी के नेगेटिव असर की भरपाई नहीं होगी। इसलिए निवेशकों को कम रिटर्न के लिए तैयार रहना चाहिए। अगर वे पहले 12 पर्सेंट सालाना रिटर्न की उम्मीद कर रहे थे तो अब उन्हें 11.5 पर्सेंट रिटर्न से संतोष करना होगा।’

कॉर्पोरेट टैक्स
इंडिया एसएमई फोरम की डीजी सुषमा मोरथानिया कहती हैं, ‘बजट में कॉर्पोरेट टैक्स में कमी का जो प्रस्ताव किया गया है, उससे 800 लिस्टेड स्मॉल और माइक्रोकैप कंपनियों को फायदा होगा। 250 करोड़ के टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स को 30 पर्सेंट से घटाकर 25 पर्सेंट कर दिया गया है। इससे 800 कंपनियों के मुनाफे में वित्त वर्ष 2019 में 3-4 पर्सेंट की अतिरिक्त बढ़ोतरी होगी।’

एचडीएफसी सिक्यॉरिटीज के सीईओ धीरज रेल्ली ने कहा, ’31 जनवरी तक के मुनाफे को टैक्स छूट मिलने की वजह से मार्केट ने 10 पर्सेंट लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स को स्वीकार कर लिया है। हालांकि, उसे एसटीटी को बनाए रखने जैसे नेगेटिव फैक्टर का भी अहसास है। वहीं, लॉन्ग टर्म इनवेस्टर्स को इंडेक्सेशन का फायदा भी नहीं दिया गया है।’

सैमको सिक्यूरिटीज के सीईओ जीमित मोदी ने कहा, ‘बाजार के सेंटिमेंट्स पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स का असर दिखाई देगा। हालांकि यह लंबी अवधि के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है, लेकिन हम पहले ऐसे देश हैं जहां एलटीसीजी पर टैक्स लिया जा रहा है और एसटीटी पर भी टैक्स लिया जा रहा है। यह डबल टैक्स जो बाजार के परेशान कर सकते हैं। एफआईआई के निवेश पर भी नकारात्मक असर हो सकता है।’

इंडिया निवेश के एमडी राजेश नुवाल, ‘लॉन्ग टर्म टर्म कैपिटल गेन पर जो टैक्स बढ़ाया गया है, आनेवाले समय में इसको सरकार और बढ़ा सकती है। इसका बाजार पर असर देखने को मिलेगा। आम निवेशक भी अब टैक्स बचत की बजाय शेयरों में निवेश से ज्यादा कमाई को तरजीह देने के लिए प्रोत्साहित होंगे। ऐसा लग रहा है कि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स को कुछ आशंकाओं के साथ निवेशकों ने स्वीकार कर लिया है।’

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