जलवायु परिवर्तन से 1980-2014 में मध्यम वर्ग को करीब 1000 खरब रु. का नुकसान

मुंबई

स्विट्जरलैंड की फाइनैंसिंग सर्विस प्रोवाइडर यूबीएस ने कहा है कि वायुमंडल का तापमान बढ़ने की वजह से 1980 से 2014 के बीच दुनियाभर के मध्यम वर्ग को 1,500 अरब डॉलर (करीब 100 खरब रुपये) का नुकसान हुआ है। इसके अलावा इससे 32 अरब डॉलर (करीब 2137 अरब रुपये) का नुकसान 2015 के पहले छह महीनों में हुआ है।

यूबीएस ने एक रिपोर्ट में कहा, ‘शहरों में रह रहे लोगों के उपभोग का ढांचा जलवायु परिवर्तन के चलते सबसे अधिक जोखिम में है। दुनियाभर में मध्यम वर्ग (मिडल क्लास) को 1980 और 2014 के बीच 1,500 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है।’ रिपोर्ट के मुताबिक, शहरों में रहने वाले विशेषकर दक्षिण एशिया में लोगों को कहीं अधिक नुकसान हुआ है क्योंकि यहां ज्यादातर लोगों को प्राकृतिक आपदा के लिए बीमा नहीं है।

इसमें कहा गया है कि यह नुकसान खासकर दक्षिण एशिया जैसे इलाकों में शहरों में रहने वाली विशाल आबादी को है। वहां अधिकतर लोगों को प्राकृतिक आपदाओं के मामले में बीमा संरक्षण नहीं मिला है। रिपोर्ट के अनुसार, एशिया में ऐसे 91 प्रतिशत जबकि अमेरिका में एक तिहाई मौसम संबंधी नुकासान को बीमा संरक्षण नहीं है।

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