जब तक मेरी जरूरत है तब तक ही हूं इन्फोसिस के साथ: नीलेकणी

नई दिल्ली
इन्फोसिस के गैर-कार्यकारी चेयरमैन नंदन नीलेकणी ने कंपनी में स्थिरता लाने की दिशा में हो रही प्रगति पर संतोष जताते हुए शुक्रवार को कहा कि वह तभी तक कंपनी के साथ हैं जबतक उनकी जरूरत है। नीलेकणी को पिछले साल अगस्त में तत्कालीन मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विशाल सिक्का और पूर्व चेयरमैन आर. शेषाशायी के इस्तीफे के बाद निदेशक मंडल में शामिल किया गया था।

नीलेकणी कंपनी के सह-संस्थापकों में से एक हैं। उन्हें कंपनी को वापस पटरी पर लाने और नया सीईओ खोजने का काम दिया गया था। इस महीने की शुरुआत में सलिल पारेख को सीईओ एवं प्रबंध निदेशक नियुक्त किया जा चुका है।

निलीकणी ने कंपनी की तीसरी तिमाही का परिणाम घोषित होने के बाद मीडिया से कहा कि पारेख ने इन्फोसिस में स्थिरता ला दी है। उन्होंने कहा, ‘यह (इन्फोसिस) स्थिरता पा चुका है और मुझे लगता है कि यह काफी जल्दी हुआ है।’ कंपनी से जुड़े रहने की अवधि के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘मैं यहां तब तक ही हूं जब तक कि मेरी यहां जरूरत है। उसके बाद मैं एक भी अतिरिक्त दिन नहीं रुकने वाला।’

गौरतलब है कि देश की दूसरी बड़ी आईटी कंपनी इंन्फोसिस का समग्र मुनाफा चालू वित्त वर्ष की दिसंबर में समाप्त तीसरी तिमाही में 38.3 प्रतिशत बढ़कर 5,129 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 3,708 करोड़ रुपये रहा था।

इंन्फोसिस ने बताया कि दिसंबर तिमाही के दौरान उसने अमेरिकी प्रशासन के साथ अग्रिम मूल्यनिर्धारण अनुबंध किया है जिससे उसे 1,432 करोड़ रुपये के कर प्रावधानों से छूट मिली। उसने कहा, ‘इसी कारण आलोच्य तिमाही के दौरान मुनाफा बढ़ा है और प्रतिशेयर मूल लाभ बढ़कर 6.29 रुपये हो गया है।’

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