छापेमारी में सामने आई 56,378 करोड़ रुपये की अघोषित आय

नई दिल्ली
आयकर विभाग ने पिछले दो सालों में छापे और तलाशी अभियान चलाकर 56,378 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता लगाया। इसके साथ ही विभाग ने 2,000 करोड़ रुपये की नकदी भी जब्त की। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद पिछले दो साल के दौरान उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए कहा कि आईटी तकनीक के बाद सीबीडीटी को कर रिटर्न दाखिल नहीं करने वालों से 16,000 करोड़ रुपये की वसूली करने में भी सफलता मिली।

उन्होंने बताया कि इसके अलावा सरकार ने सत्ता में आने के तुरंत बाद कालेधन के बारे में जानकारी जुटाने के लिए एसआईटी का गठन किया। एसआईटी की सिफारिशों के अनुरूप एक तय राशि से अधिक के लेनदेन पर पैन नंबर का उल्लेखन करना भी अनिवार्य कर दिया है। जेटली ने कहा कि सरकार पनामा दस्तावेजों और एचएसबीसी की सूची में सामने आए नामों पर आगे कारवाई के लिए भी कदम उठा रही है।

उनहोंने कहा, ‘पनामा मामले में 250 संदर्भ अन्य देशों को भेजे गए हैं और इस मामले में जांच अच्छी गति से आगे बढ़ रही है। जिन लोगों के नाम एचएसबीसी सूची में सामने आये थे, उनके मामले में करीब 8,000 करोड़ रुपये का आकलन पूरा कर लिया गया है। 164 केस दायर किए गए हैं।’
आईसीआईजे ने जो नाम जारी किए थे, उस मामले में करीब 5,000 करोड़ रुपये का पता लगाया गया है और अभियोजन के 55 मामले दायर किए गए हैं। इस साल की शुरुआत में पनामा दस्तावेज लीक मामले में फिल्म कलाकारों और उद्योगपतियों सहित 500 लोगों के नामों का खुलासा किया गया था, जिनकी विदेशी कंपनियों और इकाइयों में संपत्ति है अथवा उन्होंने निवेश किया है।

इसके अलावा 2013 में खोजी पत्रकारों के अंतरराष्ट्रीय समूह (आईसीआईजे) ने भी 700 लोगों की सूची प्रकाशित की थी, जिनके विदेशों में खाते हैं। जेटली ने कहा कि सरकार ने कालेधन की रोकथाम और उसे निकालने के लिए कानूनी ढांचा भी तैयार किया है। फेमा कानून में संशोधन किया गया है। विदेशी कालेधन के मामले में भी कानून बनाया गया है, जबकि घरेलू कालेधन के मामले में बेनामी कानून में संशोधन किया गया है।

भारत ने अमेरिका के साथ फाटका पर भी हस्ताक्षर किए हैं ताकि कर उल्लंघन का पता लगाया जा सके। इसके अलावा मॉरीशस संधि में संशोधन किया गया है। सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान के लिए कई प्रमुख देशों के साथ संधि में संशोधन के प्रयास जारी हैं।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

बिज़नस न्यूज़, व्यापार समाचार भारत, वित्तीय समाचार, News from Business