चीन खुद को कंट्रोल में रखे नहीं तो इसके नतीजे सामने आएंगे: ओबामा

वॉशिंगटन
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने चीन के आक्रामक व्यवहार पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि उभरते चीन की आर्थिक नीतियों और विवादित साउथ चाइना सी पर आक्रामक रवैये के कारण पड़ोसी देश चिंतित हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि चीन खुद को नियंत्रण में रखे।

ओबामा ने कहा, ‘मैंने चीनी प्रेजिडेंट से बात की है कि अमेरिका खुद को नियंत्रित रखकर ही ताकतवर बना है।’ ओबामा ने यह बात सीएनएन को दिए इंटरव्यू में कही है। उन्होंने कहा, ‘आप जानते हैं कि हमलोग इंटरनैशनल नॉर्म्स और कानूनों से बंधे हुए हैं। ऐसा इसलिए नहीं है कि हमें इन कानूनों के साथ रहना चाहिए बल्कि ऐसा इसलिए है कि हमने इन्हें लंबे वक्त से मान्यता दी है। एक मजबूत इंटरनैशनल व्यवस्था हमारे हित में है। और मैं मानता हूं कि इसी तरह लंबे वक्त के लिए यह चीन के हित में भी रहेगा।’ चीन में G20 समिट में रवाना होने से पहले ओबामा ने यह इंटरव्यू दिया था।

ओबामा ने कहा, ‘जहां भी हमलोग इंटरनैशनल कानूनों का उल्लंघन होते देख रहे हैं उनमें साउथ चाइना सी भी है। यहां भी हमलोग देख रहे हैं कि इंटरनैशनल लॉ का उल्लंघन किया जा रहा है। इसी तरह का उल्लंघन चीन आर्थिक नीतियों के मोर्चे पर भी कर रहा है। इसे लेकर हमलोग पूरी तरह से आश्वस्त हैं। हमने उन्हें संकेत दे दिया है कि इसके नतीजे आएंगे।’ राष्ट्रपति ओबामा ने कहा कि अमेरिका चीन पर जोर दे रहा है कि वह इंटरनैशनल कानूनों के भीतर ही अपना कदम बढ़ाए तभी वह हमारा पार्टनर बन सकता है।

ओबामा ने कहा, ‘इसकी कोई वजह नहीं है कि चीन और अमेरिका कमर्शल पक्ष और कई इंटरनैशनल समस्याओं जिनसे दोनों देशों को खतरा है, के मोर्चे पर अहम साझेदार और अनुकूल प्रतियोगी नहीं बन सकते।’ ओबामा ने इस बात का भी उल्लेख किया उन्होंने अपने जीवनकाल में चीन में एक ही कम्युनिस्ट पार्टी का शासन देखा है और अतीत में वह इससे भी ज्यादा पश्चिमी देशों का विरोधी रहा है।

ओबामा ने कहा, ‘हम पिछले 20 सालों में 90 के दशक के बाद से देखें तो राज्य प्रायोजित पूंजीवाद और निर्यात संचालित मॉडल काफी कामयाब रहा है। इस काल में मेरे राष्ट्रपति का दौर भी शामिल है। तब इस व्यवस्था में चीन की रुचि नहीं थी।’

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘लेकिन आप जानते हैं कि आपके पास एक अरब से ज्यादा लोग हैं और दुनिया के सबसे बड़ी इकॉनमी में से एक हैं। इसलिए यह अपेक्षा की जाती है कि अंतरराष्ट्रीय मामलों में आपकी भूमिका भी बड़ी होगी। और मैं लगातार कह रहा हूं कि हमलोग चीन के शांतिपूर्ण उभार का स्वागत करते हैं जिसमें इनटनैशनल नॉर्म्स का पालन हो। यह सभी के लिए अच्छा रहेगा। गरीब और कमजोर चीन सबके लिए खतरनाक होगा।’

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