चांदनी चौक: फाइलों में दब गई है ‘चांदनी’

रामेश्वर दयाल, नई दिल्ली

पुरानी दिल्ली का ऐतिहासिक बाजार चांदनी चौक आजकल कई परेशानियों से कराह रहा है। शुरू हुए विकास कार्य अब ठप पड़े हैं तो अनियंत्रित ट्रैफिक व रिक्शों की भारी तादात ने इस बाजार का बुरा हाल कर दिया है। शासन की लापरवाही के चलते दुकानदार तो परेशान हैं ही, बाजार में आने वाले सैलानी और खरीददार भी असहज महसूस कर रहे हैं। जनप्रतिनिधि भी मान रहे हैं कि सरकारी विभागों में इस बाजार की फाइलें दब गई हैं और उनका बाहर आना मुश्किल नजर आ रहा है। तहबाजारी और अवैध निर्माणों ने बाजार का बुरा हाल कर दिया है।

चांदनी चौक को संवारने के लिए शुरू किया गया रिडेवलेपमेंट प्रोजेक्ट का कोई काम बाजार में होता नजर नहीं आ रहा है। जो काम शुरू किए गए थे, वे महीनों पहले बंद कर दिए गए हैं। इनमें से कई काम तो अधूरे भी पड़े हैं। बाजार के दुकानदारों के अनुसार मेन सड़क की मोटी तारों व केबल को जमीन के अंदर डालने के लिए डक्टिंग (नाला) बनाया जा रहा था। उसे सिर्फ एक सड़क पर बनाकर छोड़ दिया गया है। दूसरी सड़क पर उसे बनाने का काम शुरू नहीं हुआ है। जो डक्टिंग बन भी चुकी है अब उसमें गंदा सीवर का पानी भर चुका है। बाजार में फतेहपुरी के पास सड़क बनाने के उपकरण पड़े हुए हैं। जिससे यातयात बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। इसके अलावा बाजार की सड़क बनाने, स्ट्रीट लाइट लगाने या ट्रांसफार्मर हटाने के काम या बंद पड़े हैं या अधूरे हैं।

चांदनी चौक की विधायक अलका लांबा भी इस ऐतिहासिक बाजार की बदतर हालत से खासी दुखी हैं। उनका कहना है कि बाजार के विकास से जुड़ी फाइलें अब दब गई हैं, इसलिए बाजार मे विकास का कोई काम नहीं हो रहा है। उनका कहना है कि इन फाइलों को संबंधित विभाग के अधिकारी दबाए हुए हैं। उन्हें बाजार के विकास को लेकर कोई रुचि नहीं है। असल में हमारी सरकार भ्रष्टाचार मुक्त कामकाज करना चाहती है, लेकिन अधिकारियों की ऐसे कामों में दिलचस्पी नहीं हो रही है। अलका के अनुसार पूरे बाजार में अवैध पार्किंग हो रही है और इसमें ट्रैफिक पुलिस की मिलीभगत है। अफसरों से शिकायत करो तो एकाध दिन सख्ती दिखाई जाती है और फिर लापरवाही शुरू हो जाती है। अलका के अनुसार वह लगातार कोशिश कर रही हैं कि बाजार के रिडेवलेपमेंट का काम फिर से शुरू हो जाए। इसके लिए वह जल्द मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगी।

चांदनी चौक की निगम पार्षद सुरेखा गुप्ता भी बाजार की बदहाली से खासी निराश हैं। उनका कहना है कि एमसीडी अधिकारी ही बाजार का बुरा हाल करने के लिए जिम्मेदार हैं। बाजार में सैकड़ों अवैध रिक्शा चल रहे हैं, जिन्हें रोकने के कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। पूरे चांदनी चौक बाजार, मेट्रो स्टेशन, रेलवे स्टेशन की सड़कों पर अवैध पटरी रेहड़ी वाले बैठे हुए हैं। इन्हें हटाने की बार बार शिकायत की जाती है, लेकिन अधिकारी उन्हें हटाने के लिए गंभीरता ही नहीं दिखा रहे हैं। सुरेखा गुप्ता के अनुसार बाजार और अंदर की गलियों में अवैध निर्माण चल रहे हैं। कई जगहों पर तो पूरी अवैध मार्केट बनाई जा रही है, इसकी शिकायत की गई है, लेकिन निर्माण रुक ही नहीं रहा है।

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