क्या है कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी के पीछे की कहानी, जानें 10 बड़ी बातें

नई दिल्ली
सीबीआई ने बुधवार को पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे को गिरफ्तार कर लिया। उनपर आरोप है कि उन्होंने एयरसेल-मैक्सिस और आईएनएक्स मीडिया के लिए गलत तरीके से फॉरन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) की मंजूरी प्राप्त की। दोनों मामले 2007 के हैं। उस वक्त पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे। आरोप है कि उन्होंने ही कार्ति का काम आसान बनाया था। इसी मामले में सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया, इसके डायरेक्टरों पीटर और इंद्राणी मुखर्जी के साथ कार्ति चिदंबरम का नाम भी जोड़ा गया था। आइए जानते हैं, मामले से जुड़ी 10 महत्वपूर्ण बातें…

1. सूत्रों के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ही आईएनएक्स मीडिया की ओर से कार्ति को मिली रकम की जानकारी सीबीआई को दी थी जिसके आधार पर सीबीआई ने 15 मई 2017 को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की।

2. सीबीआई के एफआईआर में कार्ति चिदंबरम पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने मॉरिशस से निवेश प्राप्त करने के लिए एफआईपीबी की शर्तों के उल्लंघन की जांच को प्रभावित करने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया और इसके लिए आईएनएक्स मीडिया से पैसे लिए। सीबीआई ने कहा उसने इसके लिए ली गई 10 लाख रुपये की रकम के वाउचर्स भी जब्त किए हैं।

3. सीबीआई ने एन्फोर्समेंट केस इन्फर्मेशन रिपोर्ट (ईसीआईआर), दर्ज की जो ईडी के समतुल्य एक पुलिस एफआईआर है। इसमें कार्ति चिदंबरम के साथ-साथ आईएनएक्स मीडिया के निदेशकों पीटर और इंद्राणी मुखर्जी का भी नाम है। ईसीआईआर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट (पीएमएलए) के तहत दर्ज की गई थी।

4. दरअसल, कार्ति चिदंबरम का नाम आईएनएक्स मीडिया केस के अलावा एयरसेल-मैक्सिस केस से भी जुड़ा है। मार्च 2006 में मलेशिया की कंपनी मैक्सिस कम्यूनिकेशन ने एयरसेल में 74% हिस्सेदारी खरीदी थी। मई 2011 में एयरसेल के संस्थापक सी. शिवशंकरण ने सीबीआई में एक शिकायत दर्ज करवाई और कहा कि उनपर अपने शेयर मैक्सिस को बेचने का दबाव बनाया जा रहा है।

5. अक्टूबर 2011 में सीबीआई ने मारन बंधुओं (दयानिधि और कलानिधि मारन), मैक्सिस के मालिक टी. कृष्णन एवं अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया और दयानिधि मारन के आवास पर छापेमारी की। फरवरी 2017 में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने मारन और अन्य को आरोपों से मुक्त कर दिया।

6. मामले में पहली बार कार्ति का नाम सुब्रमण्यन स्वामी ने उछाला। साल 2015 में तत्कालीन जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यन स्वामी ने कार्ति चिदंबरम की विभिन्न कंपनियों के बीच वित्तीय लेनदेन का खुलासा किया। स्वामी ने आरोप लगाया कि यूपीए सरकार में वित्त मंत्री रहते पी. चिदंबरम ने बेटे कार्ति को एयरसेल-मैक्सिस मर्जर से लाभ उठाने में मदद की। इसके लिए उन्होंने दस्तावेजों को जानबूझकर रोका और अधिग्रहण प्रक्रिया को नियंत्रित किया ताकि उनके बेटे को अपनी कंपनियों के शेयर की कीमत बढ़ाने की दिशा में कारोबारी कदम उठाने का वक्त मिल जाए।

7. 1 दिसंबर 2015 को पहली बार एयरसेल-मैक्सिस केस की जांच का दायरा बढ़ाते हुए टैक्स अधिकारियों और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कार्ति चिदंबरम के कुछ कारोबारी सहयोगियों के ठिकानों पर छापेमारी की।

8. मई 2017 में प्रवर्तन निदेशालय ने कार्ति चिदंबरम के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा दर्ज किया और 25 सितंबर 2017 को कार्ति से जुड़ी 90 लाख रुपये मूल्य की संपत्ति, बैंक अकाउंट और एफडी को अटैच कर लिए। ईडी ने कुल 1.16 करोड़ रुपये मूल्य की चल संपत्तियां जब्त कीं। इसमें अडवांटेज स्ट्रैटिजिक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का 26 लाख रुपये का बैंक डिपॉजिट भी शामिल है।

9. एयरसेल-मैक्सिस डील केस की जांच के सिलसिले में ईडी ने जब अडवांटेज स्ट्रैटिजिक और वासन हेल्थकेयर के डायरेक्टरों के घरों और दफ्तरों की तलाशी ली थी। इस दौरान मिले दस्तावेज के आधार पर ईडी ने चेस ग्लोबल अडवाइजरी सर्विसेज प्राइवेट लि. की भी तलाशी ली। कार्ति इस कंपनी के डायरेक्टर थे। जांचकर्ताओं ने बताया कि तलाशी के दौरान मिले कागजातों की छानबीन और इनकम टैक्स के डॉक्युमेंट्स से पता चलता है कि कार्ति का अडवांटेज स्ट्रैटिजिक, सेक्वोया और वेस्टब्रिज से नजदीकी संबंध थे।

10. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2 जनवरी 2018 को कार्ति चिदंबरम को INX मीडिया से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में समन जारी किया और 13 जनवरी 2018 को कार्ति चिदंबरम के दिल्ली स्थित एक और चेन्नै स्थित चार ठिकानों पर छापेमारी की।

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