क्या एक सदी तक विकास के नाम पर प्रकृति का दोहन करने वाले अमीर देश अब जिम्मेदारी निभाने से कतरा रहे हैं?

रूस-यूक्रेन युद्ध और वैश्विक स्तर पर महंगाई के दौर में एक वर्ग जलवायु परिवर्तन के संकट पर चर्चा को अभी टालने की बात कह रहा है। ऐसा करना घातक होगा। ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन कम करने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है।

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