कोटक महिंद्रा बैंक की मार्केट वैल्यू पहली बार SBI के पार

राजेश मैस्करेनस, मुंबई
कोटक महिंद्रा बैंक का मार्केट कैपिटलाइजेशन स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से ज्यादा हो गया है। ऐसा पहली बार हुआ है। इस तरह मार्केट वैल्यू के लिहाज से वह एचडीएफसी के बाद दूसरे नंबर का बैंक बन गया है। कोटक महिंद्रा बैंक का मार्केट कैपिटलाइजेशन सोमवार को 2.23 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वहीं एसबीआई का मार्केट कैप 2.22 लाख करोड़ रुपये रहा। एचडीएफसी बैंक 5.03 लाख करोड़ रुपये की मार्केट वैल्यू के साथ बैंकिंग सेक्टर का बादशाह बना हुआ है।

सरकारी बैंक बैड लोन और कॉर्पोरेट सेक्टर में बढ़ते डिफॉल्ट्स की समस्या से जूझ रहे हैं। वे बड़े लोन देने से हिचकने लगे हैं और उनका फोकस रीटेल बिजनस पर बढ़ा है। हालांकि रीटेल बिजनस में प्राइवेट सेक्टर के बैंक कई वर्षों से आगे चल रहे हैं।

मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशल सर्विसेज में इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज के एमडी रजत राजगढ़िया ने कहा, ‘एसबीआई सहित सरकारी बैंक नॉन-परफॉर्मिंग ऐसेट्स सहित कई मसलों से जूझ रहे हैं, वहीं निवेशक धीरे-धीरे कॉर्पोरेट लेंडिंग पर फोकस वाले प्राइवेट बैंकों के बजाय रीटेल लेंडिंग पर जोर देने वाले प्राइवेट बैंकों की ओर शिफ्ट हो रहे हैं। इसके चलते ऐसे बैंकों के शेयर हर साल नई ऊंचाई छू रहे हैं।’

कोटक का शेयर पिछले सालभर में 33 पर्सेंट चढ़ा है, वहीं इसी दौरान एसबीआई में 15 प्रतिशत गिरावट आई है। इनके प्राइवेट सेक्टर के प्रतिद्वंद्वियों एचडीएफसी बैंक और इंडसइंड बैंक के शेयरों में इसी दौरान 30-30 प्रतिशत की तेजी आई है।

दिसंबर 2017 के अंत में कोटक महिंद्रा के पास 1.2 करोड़ डिपॉजिट कस्टमर्स थे। यह संख्या मार्च 2017 के मुकाबले 50 प्रतिशत ज्यादा थी। 811 अकाउंट्स के चलते कस्टमर ऐक्विजिशन कॉस्ट और कस्टमर्स को सर्विस देने की कॉस्ट, दोनों में कमी आई। विभिन्न रेट साइकल्स में कोटक का प्रदर्शन अच्छा रहा है। अधिकतर विश्लेषकों को उम्मीद है कि मार्च तिमाही में भी यह दमदार प्रदर्शन करेगा।

शेयरखान के एवीपी (रिसर्च) ललिताभ श्रीवास्तव ने कहा, ‘अच्छी तरह से चलाए जा रहे कोटक जैसे प्राइवेट बैंकों के पास कॉर्पोरेट और एसएमई लोन सेगमेंट में अपना मार्केट शेयर बढ़ाने का काफी अच्छा मौका है, खासतौर से यह देखते हुए कि सरकारी बैंक एनपीए के बोझ और ऑपरेशनल/रिस्क मैनेजमेंट के मसलों से जूझ रहे हैं।’

उन्होंने कहा, ‘दूसरी ओर, अपने विशाल आकार और मार्केट में अपने दमखम के बावजूद एसबीआई कुछ समय तक मौजूदा वैल्यूएशन पर रहेगा क्योंकि सरकारी बैंकों से जुड़ी खबरें मीडियम टर्म में मिलीजुली रहेंगी। एसबीआई के वैल्यूएशंस में सुधार के लिहाज से क्रेडिट ग्रोथ में तेजी और एनपीएल रिकवरी का मामला अहम रहेगा।’

पिछले हफ्ते नोमुरा ने कहा था कि कोटक के लिए ऐक्सिस बैंक को खरीदने का अच्छा वक्त दिख रहा है और इससे उसे प्रमोटर का स्टेक आरबीआई की तय सीमा तक लाने में मदद मिलनी चाहिए। नोमुरा के अनुसार, कोटक बैंक को इस डील से ऐसी रिटेल एसेट साइज मिल जाएगी कि वह एचडीएफसी बैंक से कंधा मिलाने लगेगा।

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