कानपुर: इंटेलिजेंस ने बीते दो साल में 4 बार दिया है अलर्ट

प्रवीन मोहता, कानपुर

दिल्ली से कानपुर जाने वाली ट्रेनों को 72 घंटे में उड़ाने की धमकी पहली बार नहीं आई है। सूत्रों के अनुसार, बीते करीब 2 साल में इंटेलिजेंस एजेंसियां इस रूट के लिए 4 बार अलर्ट जारी कर चुकी हैं। इसमें अक्टूबर में आए अलर्ट को बेहद ‘सीरियस’ कहा गया था। इन अलर्ट का ही नतीजा था कि पिछले कुछ महीनों में कानपुर स्टेशन पर चले ज्यादातर बड़े चेकिंग अभियानों में सिविल पुलिस के सीनियर अफसर भी मौजूद रहे।

भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार, बीते 2 साल में करीब 4 अलर्ट आए थे। ज्यादातर अलर्ट का मेसेज बिल्कुल साफ था, बेहद सतर्क रहें। आतंकी कहीं भी कोई बड़ी वारदात कर सकते हैं। जुलाई-2015 में याकूब मेमन को फांसी के बाद भी ऊपर से आए आदेश में साफ कहा गया था कि कुछ भी हो सकता है। इसके अलावा अक्टूबर के पहले पखवाड़े में सीरियस लेवल के अलर्ट में कहा गया था कि कानपुर-दिल्ली ट्रैक पर आतंकी रेल पटरियों की क्लिप्स और फिशप्लेट्स से छेड़छाड़ कर सकते हैं।

इसके बाद जीआरपी ने गुपचुप तरीके से गैंगमैनों और कुलियों को आंख-कान खुले रखने को कहा था। इसके कुछ दिन पहले ही हरियाणा के पलवल में ऐसी ही वारदात हुई थी। वहीं एसपी (रेलवे) आरके भारद्वाज का दावा है कि अब तक आए अलर्ट में कोई भी एक-दूसरे से कनेक्टेड नहीं था। सभी का नेचर अलग था।

नहीं सुलझा फर्रुखाबाद का टाइम बम केस

अक्टूबर में फर्रुखाबाद रेलवे स्टेशन पर एक टाइम बम डिफ्यूज किया गया था। सूत्रों के अनुसार, इसमें आरडीएक्स था। जीआरपी किसी भी आरोपी को अब तक गिरफ्तार भी नहीं कर सकी। दूसरी तरफ एसपी (रेलवे) आगरा गोपेश नाथ खन्ना का दावा है कि टाइम बम में बरामद बारूद पटाखे वाला था। मकसद तोड़फोड़ करने का नहीं था। रेलवे में ही कई लोगों से पूछताछ हुई थी, लेकिन कुछ पता नहीं चला। यह शरारत थी।

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