कड़वाहट भूल करीब आए चीन-ताइवान

आईएएनएस/एपी, सिंगापुर

चीन और ताइवान के राष्ट्रपतियों ने 66 साल पहले हुए गृहयुद्ध के दौरान अलग होने के बाद से चली आ रही कड़वाहाट के बाद शनिवार को पहली बार मुलाकात की और इस ऐतिहासिक मौके पर दोनों ने हाथ मिलाया। इसी के साथ चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और ताइवान के राष्ट्रपति मा यिंग जिउ के बीच ऐतिहासिक शिखर वार्ता की शुरुआत हुई। होटल के बॉलरूम में दोनों एक दूसरे की ओर चलकर पहुंचे। दोनों नेता मुस्करा कर मिले और एक मिनट से ज्यादा समय तक एक दूसरे का हाथ पकड़े रहे। दिलचस्प है कि मौके पर कोई राष्ट्रीय ध्वज नहीं था, क्योंकि चीन ताइवान की संप्रभुता और उसकी सरकार की औपचारिक वैधानिकता को मान्यता नहीं देता। बंद दरवाजे के अंदर मुलाकात के लिए जाने से पहले दोनों नेताओं ने संक्षिप्त टिप्पणी की। शी ने कहा, हम एक परिवार हैं और कोई ताकत हमें अलग नहीं कर सकती। मा ने कहा, दोनों पक्षों को एक दूसरे के मूल्यों और जीवन पद्धति को स्वीकार करना चाहिए। ये दोनों देश जब 1949 में अलग हुए थे, तो दोनों ने एक-दूसरे को अपने साथ समाहित करने की ख्वाहिश पाली थी। चीन कहता रहा है कि ताइवान आखिरकार साथ आएगा, जबकि लोकतांत्रिक ताइवान में बहुत से लोग पृथक दर्जा बनाए रखने के हक में हैं।

सिंगापुर में विरोध, 5 ताइवानी अरेस्ट

चीन और ताइवान के बीच सिंगापुर के शांगरी-ला होटल में चल रही ऐतिहासिक शिखर वार्ता का विरोध करने वाले ताइवान के 5 नागरिकों को शनिवार को गिरफ्तार किया गया। पांचों लोगों को उस वक्त गिरफ्तार किया गया, जब वह होटल के बाहर सुरक्षा व्यवस्था में रुकावट पैदा कर रहे थे। इससे पहले होटल के बाहर शिखर सम्मेलन का विरोध करने को लेकर विपक्षी ताइवान सॉलिडिटरी यूनियन के 2 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया। ताइवान न्यूज के मुताबिक, शिखर वार्ता को रद्द करने के लिए इस हफ्ते की शुरुआत में एक विरोध का आह्वान किया गया था, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। इसके बाद ट्रेड-इन-गुड्स समझौते को रोकने सहित कई मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया। आर्थिक मामलों के मंत्रालय के सामने लगभग 500 लोग इकट्ठा हो गए और सम्मेलन के खिलाफ नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि ताइवान एक संप्रभु व स्वतंत्र राष्ट्र है और इसे चीन का हिस्सा नहीं समझा जा सकता। राष्ट्रपति को यथास्थिति को बदलने का कोई अधिकार नहीं है, खासकर तब जब उनकी सत्ता के मात्र 6 महीने बाकी हैं। दिन में बाद में प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन की इमारत के सामने स्थित केतागालन वोलेवार्ड मार्ग पर पहुंचे। इससे पहले, ताइपे सोंगशान हवाईअड्डा पर अलग से प्रदर्शन किया गया। पिछले कुछ दिनों के दौरान प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति के आवास, लेजिस्लिेटिव युआन और राष्ट्रपति कार्यालय की इमारत के पास भी दिखाई दिए।

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