ओला-ऊबर इंडिया का मर्जर कराने में जुटा सॉफ्टबैंक?

मुंबई
ऐप बेस्ड टैक्सी सर्विस ओला और ऊबर में एक बार फिर मर्जर को लेकर बातचीत शुरू हो गई है। दोनों कंपनियों में निवेश करने वाली जापानी निवेशक कंपनी सॉफ्टबैंक की ओर से यह प्रयास किया जा रहा है।

इस मामले से जुड़े सूत्रों ने पुष्टि की है कि दोनों कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने पिछले कुछ महीनों में कई बार मुलाकात की है। हालांकि, डील के ब्लूप्रिंट पर अभी काम होना बाकी है और इसमें कई महीने लग सकते हैं। सॉफ्टबैंक दोनों ही कंपनियों में सबसे बड़ा निवेशक है और बातचीत भी इसी के माध्यम से हो रही है।

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इस बारे में जब ओला के प्रवक्ता से पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘अपने विस्तार के लिए ओला हमेशा सक्रियता से संभावनओं की तलाश करता है। सॉफ्टबैंक और दूसरे निवेशक इस अभिलाषा के प्रति समर्पित हैं।’

गौरतलब है कि कैब ऐग्रिगेटर कंपनी ऊबर टेक्नॉलजीज इंक ने अपने साउथ ईस्ट एशिया ऑपरेशन्स ग्रैब को बेचने का फैसला कर लिया है। स्थानीय स्तर पर कठिन मुकाबले के मद्देनजर ऊबर ने यह फैसला किया है। समझौते के तहत ग्रैब दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र में फूड डिलिवरी सर्विस ऊबरईट्स समेत ऊबर के तमाम ऑपरेशनों को खरीदेगा। इसके बदले ऊबर को ग्रैब में 27.5 प्रतिशत स्टेक मिलेगा और इसके सीईओ दारा खुशरोशाही को ग्रैब के बोर्ड में जगह मिलेगी।

ऊबर का यह फैसला सिंगापुर की कंपनी ग्रैब के साथ-साथ सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्पोरेशन के लिए भी बड़ी जीत मानी जा रही है। सॉफ्टबैंक ग्रैब और ऊबर, दोनों कंपनियों का सबसे बड़ा शेयरहोल्डर है। ऊबर और ग्रैब के साथ-साथ भारत की कैब ऐग्रिगेटर कंपनी ओला और चीन की कंपनी दीदी चुक्सिंग हर दिन 4.5 करोड़ राइड्स मुहैया कराती हैं। इन चारों कंपनियों में सॉफ्टबैंक की हिस्सेदारी है।

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