एलाईसी ने नहीं चुकाया 2,050 करोड़ का टैक्स, मिला नोटिस

उदित मुखर्जी, कोलकाता
भारत की सबसे बड़ी इंश्योंरेंस कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एलआईसी) को डीरेक्टरट जनरल ऑफ गुड्स ऐंड सर्विस टैक्स इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) की तरफ से 2,050 करोड़ रुपये का सर्विस टैक्स न भुगतान करने का नोटिस मिला है।

टैक्स अधिकारियों ने बताया कि यह नोटिस एलआईसी को सर्विस टैक्स के भुगतान से बचने के लिए और तथ्यों के साथ छेड़छाड़ करने के लिए डीजीजीआई के कोलकाता के जोनल ऑफिस द्वारा जारी किया है। डीजीजीआई का यह नोटिस जुलाई 2012 से सर्विस टैक्स के भुगतान न करने के लिए जारी किया गया है। डीजीजीआई द्वारा नोटिस मिलने की बात एलआईसी द्वारा स्वीकार भी की गई है। इसके साथ ही एलआईसी का कहना है कि उन्होंने डीजीजीआई को जवाब भी दिया है और कहा कि उन्होंने किसी भी तथ्य को दबाने की कोशिश नहीं की गई है। एलआईसी के मुताबिक, हमने अपना पक्ष सामने रखते हुए नोटिस का जवाब दे दिया है। हमने दस्तावेजों के साथ डीजीजीआई के हर सवाल का जवाब दिया है।

साथ ही एलाईसी का कहना है कि देश की सबसे अधिक टैक्स देने वाली संस्था होने के नाते हम यह कहना चाहते हैं कि हमारी तरफ से तथ्यों को दबाने की कोशिश नहीं की गई न ही टैक्स चुकाने से बचने की कोशिश की गई है। वहीं जीएसटी अधिकारियों के मुताबिक डीजीजीआई का यह नोटिस 23 लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों के लिए एक उदाहरण बन सकता है। जीएसटी के एक्सपर्ट सांजिब कोठारी ने कहा कि ऐसे केसों में कंपनियां न्याय के लिए जा सकती हैं पर इससे बेहतर उनके लिए टैक्स चुकाना होगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कंपनियां न्याय के लिए जाती हैं और उनकी याचिका खारिज हो जाती है तो उन्हें पूरा पैसा देना पड़ेगा।

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