एयर इंडिया की पहली दिल्ली-वाशिंगटन सीधी उड़ान अमेरिका पहुंची

ललित के. झाा

वाशिंगटन, 7 जुलाई भाषा सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया की आज शुरू की गई नयी दिल्ली से वाशिंगटन डीसी की पहली सीधी उड़ान यहां डलेस अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर पहुंच गई। बारह हजार किलो मीटर से अधिक की इस उड़ान के जरिए भारत और अमेरिका की राजधानियां के बीच सीधी यात्रा की सुविधा हो गयी है।

एआई-103 विमान के डलेस हवाईअड्डे पर उतरते ही उसका पानी की बौछार से स्वागत किया गया साथ ही एक स्वागत समारोह का भी आयोजन किया गया।

अमेरिका में भारतीय राजदूत नवतेज सरना, एयर इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अनिी लोहानी और वाणिज्यिक निदेशक पंकज श्रीवास्तव भी इस विमान से यात्रा कर वाशिंगटन पहुंचे।

एयर इंडिया ने इस सेवा के लिए बोइंग 777-200 एलआर विमान तैनात किया गया है। विमान में कुल 238-सीटें हैं जिसमें प्रथम श्रेणी की आठ, बिजनेस श्रेणी की 35 और इकॉनमी श्रेणी की 195 सीटें हैं।

कंपनी के एक प्रवक्ता ने बताया कि एयर इंडिया नौ जुलाई से 17 जुलाई के बीच अमेरिका के लिये 321 सीटों वाला बड़ा विमान बोइंग-777-300 ईआर का परिचालन करेगी।

प्रवक्ता के अनुसार जुलाई माह में अमेरिका जाने वाले उड़ानों की करीब 90 प्रतिशत सीटें बुक हो चुकी हैं। इस सीधी उड़ान सेवा से दिल्ली में 30,000 अतिरिक्त कारोबारी यात्री आने और दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में 83773 करोड़ डॉलर का सालाना आर्थकि प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।

अमेरिकी दूतावास के प्रभारी मैरीके लॉस कार्लसन, लोहानी, श्रीवास्तव एवं अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में आज यहां इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से इस विमान सेवा की शुरुआत की गयी।

अमेरिकी राजधानी वाशिंगटन डीसी के लिये यह सेवा सप्ताह में तीन बार उपलब्ध होगी।

वाशिंगटन के अलावा न्यूयार्क, नेवार्क, शिकागो और सैन फ्रांसिस्को के लिए एयरइंडिया की सेवाएं उपलब्ध हैं।

दिल्ली से नेवार्क, न्यूयार्क और शिकागो के लिए दैनिक उड़ान सेवाएं हैं जबकि दिल्ली से सैन फ्रांसिस्को के लिए उड़ान सप्ताह में छह दिन उपलब्ध है।

राष्ट्रीय विमानन कंपनी अमेरिका में अन्य शहरों जैसे लॅास एंजिलिस और यूस्टन आदि के लिए भी सेवाएं शुरू करने की योजना बना रही है।

उल्लेखनीय है कि इस विमानन कंपनी की करीब 20 प्रतिशत कमाई अमेरिकी उड़ान सेवाओं से होती है। पिछले विा वर्ष में कंपनी की अमेरिकी उड़ान सेवायें से मिलने वाला कुल राजस्व करीब 3,200 करोड़ रुपये था, जो वि वर्ष 2014-15 की तुलना में 17 प्रतिशत अधिक था।

भाषा

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