एफपीआई, निवेश ट्रस्टांे के लिए नियम उदार, पीई का दुरपयोग रोकने पर जोर

मुंबई, 23 सितंबर :भाषा: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड :सेबी: ने पूंजी बाजारांे को अधिक गहरा बनाने के लिए बेहतर तरीके से विनियमित विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकांे :एफपीआई: को कॉरपोरट बांड मंे सीधे निवेश की पेशकश करते हुए इन्फ्रास्ट्रक्चर और रीयल एस्टेट निवेश ट्रस्टांे के जरिये कोष जुटाने के नियमांे को उदार किया है।

सेबी निदेशक मंडल की आज हुई बैठक मंे इसी के साथ नियामक ने निजी इक्विटी करारांे का दुरपयोग रोकने के लिए कई कदमांे की घोषणा की है। इसके अलावा नियामक ने थोक एसएमएस, ईमेल और नई उभरती तकनीकांे मसलन गेम्स, प्रतियोगिताएं और ट्रेडिंग लीग पर भी प्रतिबंध का प्रस्ताव किया जिससे भोलेभाले निवेशकांे को लालच देने वाली धोखाधड़ी की गतिविधियों से बचाया जा सके।

सेबी ने विदेशी निवेशकांे को घरेलू शेयर और जिंस एक्सचंेजांे मंे 15 प्रतिशत तक हिस्सेदारी रखने की अनुमति भी दे दी है। इस कदम का मकसद अधिक विदेशी कोष आकर्षित करना है।

अभी तक विदेशी इकाइयांे को एक्सचंेज मंंे सिर्फ पांच प्रतिशत हिस्सेदारी रखने की अनुमति थी। इस कदम से दोनों एक्सचंेजांेे बीएसई और एनएसई को अपने प्रस्तावित आईपीओ में मदद मिलेगी।

एक और कदम उठाते हुए सेबी ने कंपनियांे को सार्वजनिक पेशकश मंे अपने कर्मचारियांे को अधिक शेयर आवंटित करने की अनुमति दे दी है। अब स्टाफ कोटा के तहत कर्मचारियांे को पांच लाख रपये तक के शेयर आवंटित किए जा सकते हैं। अभी तक यह सीमा दो लाख रपये है।

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