एड्स के डर से टूट रही हैं शादियां, शेविंग करने को भी नहीं राजी हैं सलूनवाले

कानपुर
उत्तर प्रदेश के बांगरमऊ कस्बे में अचानक सामने आए एचआईवी केसों की वजह से तीन गांव के लोग नई मुश्किलों से जूझ रहे हैं। दरअसल, गांव के आसपास के सलून वालों के इन गांवों के लोगों ने दाढ़ी बनवाने, बाल कटवाने से इनकार कर दिया है। यही नहीं, पिछले तीन दिनों में गांव के तीन लड़कों की इसी वजह से शादी भी टूट गई हैं।

बांगरमऊ कस्बे में एचआईवी केस सामने आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। एचआईवी संक्रमण की बात पड़ोसी गांवों तक पहुंची तो सबसे ज्यादा मरीजों वाले एक गांव के तीन लड़कों विकास, सुरेंद्र और विजय (बदले हुए नाम) की शादी टूट गई। लड़कीवालों का कहना है कि बीमारी का कुछ पता नहीं और वे ऐसे परिवार से संबंध नहीं जोड़ना चाहते हैं जहां जिंदगी का कुछ पता ही न हो। चौंकाने वाली बात तो यह है कि इन 3 गांवों के लोगों को बाल कटवाने और दाढ़ी बनवाने में भी दिक्कतें आ रही हैं। बांगरमऊ कस्बे के पटेलनगर के सभासद आनंद के मुताबिक, संडीला रोड पर स्थित कई सलून में काम करने वाले लोग एचआईवी के डर से शेविंग और कटिंग करने से डर रहे हैं।

एड्स के 70 मामले आए सामने
दरअसल, उन्नाव के बांगरमऊ में सामने आए एचआईवी मामलों में प्रभावितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सीएमओ के दावे के उलट कानपुर के एआरटी सेंटर पर नवंबर 2017 से जनवरी 2018 के बीच 70 मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया गया। इसमें 6 बच्चे भी हैं। ये सारे लोग उन तीन गांवों के हैं, जहां झोलाछाप डॉक्टर का सबसे ज्यादा असर था।

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झोलाछाप ने कबूला गुनाह
उन्नाव के सीएमओ ने दावा किया था कि 566 लोगों की जांच में सिर्फ 21 एचआईवी पॉजिटिव मरीज मिले। गौरतलब है कि उन्नाव जिले की बांगरमऊ तहसील के कुछ गांवों में संक्रमित इंजेक्शन लगाने के आरोपी झोलाछाप डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी झोलाछाप डॉक्टर राजेश यादव से मंगलवार को पूरी रात पूछताछ की गई। इसमें आरोपी ने एक ही सुई से सबको इंजेक्शन लगाने की बात कबूल ली है। उसके पास कोई मेडिकल डिग्री नहीं है।

एड्स नियंत्रण के कार्यक्रमों पर धब्बा
बांगरमऊ मामले में गिरफ्तार झोलाछाप राजेश यादव को गुरुवार को एसीजेएम-1 कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया। दूसरी ओर उन्नाव में झोलाछाप के खिलाफ अभियान चलाकर 5 आरोपियों को दुकानें बंद करने का नोटिस दिया गया है। एड्स सोसायटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ ईश्वर गिलड़ा ने कहा कि देश में चल रहे एड्स नियंत्रण कार्यक्रमों पर यह घटना एक धब्बा है। यूपी एड्स कंट्रोल सोसायटी सुनिश्चित करे कि सभी पीड़ितों को ठीक से इलाज मिले। सरकार इनके पुनर्वास का इंतजाम करे। उन्होंने डॉक्टरों से अपील की कि वे इंजेक्शन का बहुत जरूर होने पर ही इस्तेमाल करें।

बयान के बाद बदल दिए गए सीएमएस
बता दें कि क्षेत्र में सेक्स वर्करों के सक्रिय होने वाला बयान बांगरमऊ सीएचसी के सीएमएस डॉ. प्रमोद कुमार दोहरे को भारी पड़ गया। सीएचसी के बाहर बुधवार रात महिलाओं ने प्रदर्शन किया। मौके पर पहुंचे एसडीएम को ज्ञापन देकर उन्होंने सीएमएस को हटाने की मांग की। यह भी कहा कि इलाका बदनाम हो गया है, ऐसी बातों से लोग इन गांवों में रिश्ते नहीं जोड़ेंगे। प्रशासन ने डॉ. प्रमोद को हटाकर नए सीएमएस की नियुक्ति कर दी है।

डर के साए में हैं लोग
कानपुर के एआरटी सेंटर में गुरुवार को 70वां मरीज पहुंचा। 16 साल के किशोर का शुक्रवार को दसवीं का एग्जाम है। काउंसलिंग के दौरान उसने बताया कि जुकाम होने पर राजेश यादव ने उसके हाथ में इंजेक्शन लगाया था। घबराए हुए किशोर का कहना है कि वह कभी शादी नहीं करेगा। उन्नाव सीएमओ डॉ. एसपी चौधरी ने कहा, ‘लोगों में काफी नाराजगी और घबराहट है। हालांकि, अभी बांगरमऊ में कोई कैंप नहीं लगाया जा रहा है।

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