एच 1बी वीजा से भारत-यूएस संबंधों में हो सकता है तनाव: पूर्व राजनयिक

वॉशिंगटन
भारतीय मूल की एक पूर्व सीनियर अमेरिकी राजनयिक निशा देसाई बिस्वाल ने कहा है कि एच 1बी वीजा को लेकर भारत-अमेरिका के बीच संबंधों में तनाव पैदा हो सकता है। उन्होंने इस विषय पर ट्रंप प्रशासन से समझदारी और तर्कसंगत निर्णय लेने की अपील की, जिससे हजारों भारतीयों की जिंदगी पर असर पड़ सकता है।

पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में दक्षिण और मध्य एशिया के लिए सहायक विदेश मंत्री बिस्वाल ने कहा, ‘एच 1बी के मुद्दे को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति बन सकती है। यह प्रशासन पिछले प्रशासनों की ही तरह अमेरिका और भारत के बीच मजबूत संबंध की अहमियत को समझता भी है और मानता भी है। इस संबंध में उसे नफे-नुकसान का दृष्टिकोण नहीं अपनाना चाहिए।’

बिस्वाल की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब ट्रंप प्रशासन द्वारा एच 1बी वीजा के खिलाफ कदम उठाने संबंधी रिपोर्ट्स आ रही है। यूएस कांग्रेस में इस संबंध में आधा दर्जन बिल भी आ चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘इसमें कोई शक नहीं कि एच 1बी कार्यक्रम यूएस और विदेशी कंपनियों के लिए महत्वपूर्ण है। इससे अमेरिका की अर्थव्यवस्था को फायदा पहुंचा है। लेकिन यह भी है कि इस कार्यक्रम का गलत इस्तेमाल भी हो रहा है।’

उन्होंने कहा, ‘किसी भी प्रकार से अगर दुनिया भर के सबसे बेहतर और तेज दिमाग वाले व्यक्ति यूएस में नहीं आएंगे तो यहां इसका बुरा असर पड़ेगा। सच यह भी है कि दूसरे देशों से लोग आकर हमारी नौकरियां ले रहे हैं। हिंसा और हेट क्राइम की घटनाएं बढ़ रही हैं। इस समस्या का कोई तर्कसंगत समाधान निकालना पड़ेगा।’

उन्होंने कहा ‘ओबामा प्रशासन के अंतर्गत दोनों देशों के बीच रिश्तों ने काफी प्रगति की थी, खासतौर पर नरेन्द्र मोदी के सत्ता संभालने के बाद। मुझे लगता है कि हमने अभी तक उस दिशा में काफी प्रगति की हैं लेकिन दोनों ओर से अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। भारत की क्षमताओं को देखते हुए अमेरिका को वहां निवेश के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखानी चाहिए। वहीं भारत की तरफ से उन मुद्दों पर काम करने के लिए दीर्घ अवधि की प्रतिबद्धताएं दिखाई जानी चाहिए।’

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