एक टुकड़ा जमीन

भूमि अधिग्रहण बिल का विवाद चरम पर है। झगड़े वाली कुछ भूमि गोपाल की है, कुछ राजनीति की। फिलहाल इस बिल में विपक्ष को थोड़े-बहुत एकजुट होने लायक जमीन देने का प्रावधान है। जैसे बिल के खिलाफ जब श्रीमती सोनिया गांधी ने मार्च निकाला, तो कई पुराने दुश्मन साथ चलते नजर आए। कांग्रेस के दीपेंदर हुड्डा और आईएनएलडी के दुष्यंत चौटाला साथ चले। हरियाणा के गठन के बाद पहली बार दोनों साथ देखे गए हैं।   अपना-अपना अधिग्रहण  बिल का हरियाणा कनेक्शन इसका ठीक उल्टा भी है। चौधरी बीरेन्द्र सिंह हरियाणा में कांग्रेस के बड़े नेता होते थे। अब भाजपा के हैं और ग्रामीण विकास जैसे भारी भरकम विभाग के मंत्री हैं। शुरुआत में चौधरी साब को बिल के बारे में कुछ खास अता-पता नहीं था। लेकिन जब लोकसभा में बहस का जवाब देने का मौका आया, तो बीरेन्द्र सिंह जमकर गरजे-बरसे और अपनी पुरानी पार्टी पर भी बरसे। आखिर कांग्रेस में उनकी राजनीतिक जमीन का अधिग्रहण जो हो गया था।    अधिग्रहण, अधोग्रहण !  वैसे इस एसपीजी युग में ज्यादा जमीनी यारी आसान नहीं रह गई है। देखिए संसद भवन से राष्ट्रपति भवन…

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