ईस्ट एमसीडी: तीन टैक्स की मार

रामेश्वर दयाल, नई दिल्ली

आर्थिक रूप से बदहाल होती ईस्ट एमसीडी को उबारने के लिए ईस्ट एमसीडी यहां के लोगों पर तीन टैक्स लगाने जा रही है। लोगों पर प्रफेशनल टैक्स और बेटरमेंट टैक्स तो लगेगा ही साथ ही प्रॉपर्टी टैक्स पर एजुकेशन सेस भी लगाया जा रहा है। एमसीडी का मानना है कि इन टैक्सों से ईस्ट एमसीडी आर्थिक रूप से कुछ संभल जाएगी। कमिश्नर डॉ़ रणबीर सिंह आज दोपहर 12 बजे स्थायी समिति की बैठक इन तीनों टैक्सों को लगाने का प्रस्ताव पेश करेंगे।

अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए नॉर्थ एमसीडी पहले से अपने इलाकों के लोगों पर दो टैक्स लगाने की घोषणा कर चुकी है। लेकिन ईस्ट एमसीडी की हालत तो और भी बुरी है। हालात यह हैं कि वहां समय पर चतुर्थ श्रेणी तक के कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पा रहा है। इसलिए आर्थिक हालात को ठीक करने के लिए ईस्ट एमसीडी में तीन नए टैक्स लगाने की तैयारी हो चुकी है। कमिश्नर डॉ़ रणबीर सिंह आज नए वित्तीय वर्ष का बजट पेश करने जा रहे हैं, जिसमें प्रफेशनल टैक्स लगाने का प्रस्ताव लाया जा रहा है। जो भी व्यक्ति चाहे वह सरकारी या प्राइवेट नौकरी करता हो, बिजनेसमैन हो या प्रफेशनल, अगर उसकी सालाना इनकम ढाई लाख रुपये से पांच लाख रुपये है तो उससे साल का 1200 रुपये प्रफेशनल टैक्स लिया जाएगा। अगर उसकी सालाना कमाई पांच से दस लाख रुपये है तो उसे एमसीडी को साल में 2400 रुपये टैक्स के रूप में चुकाने होंगे। अगर उसकी कमाई दस लाख रुपये ऊपर है तो उस व्यक्ति को 2500 रुपये साल टैक्स देना होगा। हर साल ढाई लाख रुपये से कम कमाई वाले व्यक्ति को यह टैक्स नहीं देना होगा।

कमिश्नर बेटरमेंट टैक्स भी पेश करने जा रहे हैं। यह टैक्स उन इलाकों या कॉलोनियों पर लगेगा, जिनको सामान्य से अधिक सुविधाएं मिल रही हैं। जैसे कि उनके इलाके में फ्लाईओवर, मजबूत सड़कों का जाल, सक्षम ट्रांसपोर्ट सिस्टम के अलावा बिजली पानी की भरपूर सुविधा होगी, तो वहां के लोगों से यह टैक्स लिया जाएगा। यह टैक्स बेसिक प्रॉपर्टी टैक्स पर 15 प्रतिशत सालाना की दर से लिया जाएगा। ये प्रॉपर्टी टैक्स की सभी आठ कैटिरगरी पर लागू होगा। प्रॉपर्टी टैक्स पर नया टैक्स एजुकेशन सेस भी लाया जा रहा है। इसे पूरे प्रॉपर्टी टैक्स पर वसूला जाएगा और यह कुल टैक्स पर पांच प्रतिशत होगा। इस सेस को भी प्रॉपर्टी टैक्स की सभी आठ कैटिरगी से वसूला जाएगा। आज कमिश्नर द्वारा टैक्स लगाने के प्रस्ताव के बाद करीब दो माह तक इन पर चर्चा होगी। उसके बाद एमसीडी में सत्तारूढ़ बीजेपी नेता यह निर्णय लेंगे कि इन तीनों टैक्स को लगाया जाए या नहीं।

गौरतलब है कि राजधानी की तीनों एमसीडी में ईस्ट एमसीडी की माली हालत सबसे खराब है। दिल्ली की कुल आबादी की करीब 25 प्रतिशत आबादी इस एमसीडी में निवास करती है, जबकि इसका कुल क्षेत्रफल दिल्ली की तुलना में मात्र आठ प्रतिशत है। ईस्ट एमसीडी पर अपने लगभग 35 हजार कर्मचारियों को हर माह 120 करोड़ रुपये वेतन के रूप में देने का दबाव रहता है। जबकि उसे प्रॉपर्टी टैक्स से सालाना 275 करोड़ रुपये ही मिल पाते हैं। इसके अलावा आय के स्रोत बहुत की सीमित हैं। ईस्ट एमसीडी में नियोजित कॉलोनियां करीब 40 हैं, जबकि 245 अनधिकृत कॉलोनियों और सैकड़ों झुग्गी बस्तियां हैं। वर्ष 2022 में एकीकृत एमसीडी के विभाजन के बाद से ही ईस्ट एमसीडी की माली हालत बहुत बुरी चल रही है। ईस्ट एमसीडी के नेता लगातार आरोप लगाते रहते हैं कि दिल्ली सरकार उसे उसके हिस्से का बजट मुहैया नहीं कराती है, जिस कारण उसकी माली हालत दिन-ब-दिन बिगड़ रही है।

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