इस्लामिक बैंक पर विश्व हिंदू परिषद की चेतावनी, बताया आंतकवाद समर्थित

तरुण सिसोदिया, नई दिल्ली
गुजरात में प्रस्तावित पहले इस्लामिक बैंक को लेकर विवाद खड़ा हो रहा है। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) बैंक को भारत के किसी भी हिस्से में न खुलने देने की खुली चेतावनी दी है। वीएचपी ने इसे संविधान विरोधी और आंतकवाद समर्थित बताया। यूपीए सरकार के दौरान हुई इस कोशिश का आरएसएस भी विरोध कर चुका है।

जेद्दाह (सउदी अरब) के इस्लामिक डिवेलपमेंट बैंक की ब्रांच गुजरात में खुलने वाली है। पीएम नरेंद्र मोदी की अप्रैल में हुए यूएई यात्रा के दौरान इसका एमओयू साइन हुआ है। बैंक यहां मेडिकल ऐक्टिविटी भी करेगा। बैंक की ब्रांच खुलने पर वीएचपी ने सख्त ऐतराज जताया है। वीएचपी के प्रवक्ता डॉ. सुरेंद्र जैन ने कहा, ‘यह बैंक पूरी तरह संविधान के विरुद्ध, एंटी नैशनल हैंऔर एंटी इस्लामिक भी। दुनिया में जहां भी इस्लामिक बैंक हैं, वहां उनका डायरेक्ट या इनडायरेक्ट तौर पर आतंकवादी संगठनों से संबंध है। भारत में पहले भी इस पर बैन लग चुका है। यह केरल में खुलने वाला था, नहीं खुला। हम इसे किसी भी कीमत पर खुलने नहीं देंगे। पीएम नरेंद्र मोदी से हमारी अपील है कि ऐसे मुद्दे पर बहस कराई जाए।’

वीएचपी के अलावा आरएसएस के दूसरे कई संगठनों को भी इस्लामिक बैंक खुलने पर ऐतराज है। हालांकि अभी वह सीधे तौर पर कोई सामने नहीं आया है। आरएसएस पहले इसका विरोध कर चुका है, लेकिन उसने अब इस मसले पर फिलहाल कुछ नहीं कहा है। सूत्रों का कहना है कि इस मसले पर आरएसएस में चर्चा हो रही है।

विकिपीडिया के मुताबिक, इस्लामिक विकास बैंक (ISDB) जेद्दाह, सऊदी अरब में बहुपक्षीय विकास के लिए पैसा उपलब्ध करने वाली संस्था है। यह 1973 में ऑर्गेनाइजेशन ऑफ़ इस्लामिक कॉन्फ्रेंस (अब इस्लामिक सहयोग संगठन कहलाता है) के वित्त मंत्रियों द्वारा स्थापित किया गया था। बीबीसी के मुताबिक, इस्लामी बैंकिंग इंसाफ़ और सामाजिक न्याय पर आधारित है। इस्लाम सूद के ख़िलाफ़ इसलिए है क्योंकि ब्याज की बुनियाद पर बने निज़ाम में बहुत सारे लोगों के पैसे कुछ चंद लोगों के हाथ में आ जाते हैं। इसके मुक़ाबले ज़कात (बचत के एक हिस्से का दान) की व्यवस्था है, जिसमें कुछ लोगों का पैसा बहुत सारे लोगों के पास जाता है। इस मुख्य काम लोगों को लोन उपलब्ध कराना है। यूरोप, मलेशिया, सिंगापुर और लंदन में इस्लामिक बैंकिंग चल रही है।

वीएचपी का मानना है कि बैंक खुलने से आंतकी गतिविधियां बढ़ने की आशंका है। इसलिए इसका विरोध किया जा रहा है। वीएचपी ने कहा है कि यदि गुजरात में इस्लामिक बैंक खुलता है तो वीएचपी इसका जबर्दस्त विरोध करेगा और बैंक नहीं खुलने देगा।केरल में इस्लामिक बैंक साल 2011 में खुलना था। केरल हाईकोर्ट ने इसे अनुमति भी दी थी लेकिन मौजूदा बीजेपी नेता ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की जिसके बाद बैंक नहीं खुला।

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