इलाहाबाद बैंक ने अपनी सीईओ ऊषा अनंतसुब्रमणियम से सभी शक्तियां छीनीं

मुंबई
सार्वजनिक क्षेत्र के इलाहाबाद बैंक के निदेशक मंडल ने मंगलवार को अपनी प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी ऊषा अनंतसुब्रमणियन से उनके सभी अधिकार और शक्तियां वापस ले ली। पीएनबी धोखाधड़ी मामले के आरोप पत्र में ऊषा का नाम सामने आने के बाद वित्त मंत्रालय के निर्देश पर इलाहाबाद बैंक निदेशक मंडल ने यह कदम उठाया।

ऊषा अनंतसुब्रमणियन इलाहाबाद बैंक में जाने से पहले मई 2017 तक पंजाब नैशनल बैंक की चेयरमैन और प्रबंध निदेशक थीं। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को ही इलाहाबाद बैंक और पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) के निदेशक मंडलों को ऊषा अनंतसुब्रमणियन और पीएनबी के दो कार्यकारी निदेशकों के खिलाफ कारवाई करने को कहा।

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पीएनबी के निदेशक मंडल ने कल ही अपने दो कार्यकारी निदेशकों की सभी शक्तियों को वापस लेने का फैसला कर लिया था। इलाहाबाद बैंक ने नियामकीय जानकारी में कहा है, ‘बैंक के निदेशक मंडल ने अपनी बैठक में बैंक की प्रबंध निदेशक और सीईओ ऊषा अनंतसुब्रमणियन को तुरंत प्रभाव से बैंक की सभी कामकाजी जिम्मेदारियों से अलग करने का फैसला किया है।’

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निदेशक मंडल ने सरकार से बैंक में कामकाज सामान्य ढंग से आगे जारी रखने के लिए जल्द ही उपयुक्त व्यवस्था करने को भी कहा है। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने सोमवार को ही पीएनबी धोखाधड़ी मामले में पहला आरोपपत्र दायर किया है। आरोप पत्र में हीरा कारोबारी नीरव मोदी, उनके भाई निशाल मोदी और नीरव मोदी की कंपनी में कार्यकारी अधिकारी सुभाष परब की भूमिका के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया है। इस बीच पीएनबी ने कहा है कि हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसके सहयोगियों द्वारा की गई कथित धोखाधड़ी में बैंक की कुल देनदारी 14,356.84 करोड़ रुपये बनती है।

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