इलाहाबाद नगर निगम में पेंशन के दस्तावेज गायब, घोटाले की जांच के लिए पहुंची एसआईटी

इलाहाबाद
यूपी के इलाहाबाद नगर निगम में साल 1985 से 1995 के बीच हुए 4.33 करोड़ रुपये के पेंशन घोटाले की जांच को पहुंची एसआईटी को 1996 से पहले के दस्तावेज ही नहीं मिले। इलाहाबाद नगर निगम में एएसपी एसआईटी अमृता मिश्रा के नेतृत्व में कई घंटों तक रेकॉर्ड रूम खंगाला गया। यही नहीं घोटाले में जिन 10 संदिग्धों को विजिलेंस की जांच में चिह्नित किया गया था, उनमें से सात की मौत हो चुकी है। एसआईटी बाकी बचे तीन आरोपितों से मंगलवार को पूछताछ करेगी। मंगलवार को एक बार फिर रेकॉर्ड रूम खंगाला जाएगा।

एसआईटी एएसपी अमृता मिश्रा के नेतृत्व में तीन इंस्पेक्टरों की टीम मामले की जांच के लिए सोमवार को इलाहाबाद नगर निगम पहुंची। पूछताछ में सामने आया कि अक्टूबर से ही इस दफ्तर में पेंशन का रेकॉर्ड बनाना शुरू किया गया है। हाई कोर्ट के निर्देश पर एसआईटी मामले की जांच कर रही है। 1996 में घोटाला सामने आने के बाद इस मामले में इलाहाबाद के सिविल लाइंस थाने में एफआईआर दर्ज करवाई गई थी। बाद में मामला विजिलेंस को सौंपा गया।

विजिलेंस की पड़ताल में 10 लोगों के नाम सामने आए, लेकिन इनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिले। इनमें साल लोगों का निधन हो चुका है। बाकी तीन रिटायर्ड लोगों को मंगलवार को पूछताछ के लिए बुलाया गया है।

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