इनसाइडर ट्रेडिंग: सेबी ने खंगाले संदिग्धों के फेसबुक अकाउंट, मिले अहम सबूत

नई दिल्ली
सिक्यॉरिटीज ऐंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने इनसाइडर ट्रेडिंग से जुड़े मामलों में आरोपियों तक पहुंचने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सेबी ने संदिग्ध लोगों के फेसबुक अकाउंट खंगालने शुरू कर दिए हैं, जिसके अंतर्गत इनसाइडर ट्रेडिंग से जुड़ी फेसबुक पोस्ट को कुछ चुनिंदा फ्रेंड्स द्वारा लाइक किया जा रहा था। इन फेसबुक खातों के जरिए सेबी इसकी पड़ताल में जुटी थी कि कहीं इन लोगों का संबंध इनसाइडर ट्रेडिंग से तो नहीं है?

दीप इंडस्ट्रीज से जुड़े केस की पड़ताल करते हुए सेबी ने पाया कि इनसाइडर ट्रेडिंग में लिप्त संस्थाएं फेसबुक पर एक-दूसरे की दोस्त थीं और एक-दूसरे के फोटोज को लाइक भी कर रहीं थीं। इन लोगों की प्रोफाइल तक हर किसी की पहुंच नहीं है और इनकी पोस्ट को सिर्फ वही लोग ‘लाइक’ कर सकते हैं, जो उनकी फ्रेंड लिस्ट में हैं। यानी शेयर की गई खबरों पर सिर्फ चुनिंदा लोगों को ही लाइक करने का अधिकार दिया गया था।

दीप इंडस्ट्रीज और 3 ट्रेडर्स के बीच साठगांठ

जांच आगे बढ़ी तो सेबी को दीप इंडस्ट्रीज के साथ तीन ट्रेडर्स की साठगांठ नजर आई। फेसबुक पोस्ट की जांच और अन्य माध्यमों के जरिए सबूत जुटाने के बाद सेबी ने इस मामले में तीनों संस्थाओं द्वारा 2.40 करोड़ रुपये से अधिक के अवांछित लाभ को जब्त करने का आदेश दिया है। जिन तीन ट्रेडर्स से पैसा जब्त करने का आदेश दिया गया है, उनमें दीप इंडस्ट्रीज लिमिटेड के रूपेशभाई कांतिलाल सावला, सुजेय अजितकुमार हमलाई और वी टेकवेब इंडिया प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।

पढ़ें: इनवेस्टर्स के साथ धोखा है इनसाइडर ट्रेडिंग

सेबी के अनुसार, इन तीनों ट्रेडर्स के पास दीप इंडस्ट्रीज द्वारा ओनजीसी से तीन कॉन्ट्रैक्ट हासिल किए जाने तक की खबर थी और उसका इन तीनों ट्रेडर्स ने अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया। इस मामले में शामिल तीन संस्थाओं से 2.4 करोड़ रुपये से अधिक के गैरकानूनी लाभ पर रोक लगाने के आदेश दिए गए हैं।

क्या है इनसाइडर ट्रेडिंग
इनसाइडर ट्रेडिंग यानी किसी कंपनी से संबंधित ऐसी बातों या सूचनाओं का पता लगाकर, जिनका प्रभाव सीधे तौर पर मार्केट पर पड़ता है, गलत तरीके से फायदा उठाना। उन सूचनाओं को किसी दूसरे को बेचना और या फिर उनके आधार पर मार्केट में गलत तरीके से कारोबार कर किसी को फायदा पहुंचाना। इससे कुछ मुट्ठी भर लोगों को फायदा होता है, मगर पूरे मार्केट और लाखों इनवेस्टरों का जबर्दस्त घाटा होता है। जब किसी कंपनी के शेयरों को इनसाइडर ट्रेडिंग के तहत उठाया जाता है तो पूरा मार्केट उस शेयर को खरीदता है। मगर इनसाइडर ट्रेडिंग का पता चलते ही उसके शेयर धमाके के साथ नीचे गिरते हैं।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

Latest Business News in Hindi – बिज़नेस समाचार, व्यवसाय न्यूज हिंदी में | Navbharat Times