इखलाक मर्डर केस में अब तक फाइल नहीं हुई चार्जशीट

नोएडा

दादरी के बिसाहड़ा गांव में बीफ की अफवाह पर मोहम्मद इखलाक की हत्या को करीब दो महीने बीत चुके हैं, लेकिन पुलिस अब तक इस केस में चार्जशीट दाखिल नहीं कर पाई है। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि हत्या के दो प्रमुख गवाहों: इखलाक के बेटे दानिश और बेटी सहिस्ता के बयान अभी मैजिस्ट्रेट के सामने रिकॉर्ड नहीं हो पाए हैं।

29 सितंबर की रात जब गुस्साई भीड़ इखलाक के घर में घुसी थी, तब दानिश इखलाक के साथ ही था। बीफ खाने की अफवाह पर इखलाक की हत्या कर दी गई थी। भीड़ के हमले में दानिश को भी सिर पर कई चोटें आईं, जिसकी वजह से उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। कई दिनों के इलाज के बाद उसे हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया गया। पुलिस तब भी दानिश का बयान लेना चाहती थी, लेकिन डॉक्टरों ने पुलिस को बयान लेने के लिए दानिश के पूरी तरह ठीक होने तक इंतजार करने की ‘सलाह’ दी।

अभी दानिश का इलाज कर रहे डॉक्टर इस मुद्दे पर अपना बयान देने के लिए मौजूद नहीं थे, लेकिन गुमनामी की शर्त पर एक परिजन ने बताया कि दानिश को हमले के दौरान की सभी घटनाओं को एक क्रम से याद करने में दिक्कत हो रही थी। रिश्तेदार ने कहा, ‘वह सभी चीजों को व्यवस्थित ढंग से याद नहीं कर पाया। उसने कुछ आरोपियों को पहचाना भी था। हम उस पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं डाल रहे हैं। डॉक्टरों ने उसे स्ट्रेस देने से मना किया है।’

एक हॉस्पिटल से दूसरे हॉस्पिटल में भर्ती कराए जाने से पहले दानिश की नोएडा के कैलाश हॉस्पिटल में दो बार ब्रेन सर्जरी हो चुकी थी। उसकी खोपड़ी में फ्रैक्चर था और आगे की लोब में खून का रिसाव हो रहा था। कैलाश हॉस्पिटल के डॉ. वरुण ने कहा, ‘रिकवरी के समय दानिश की मेमोरी बिल्कुल ठीक थी। वह पुरानी घटनाएं याद कर रहा था। हमने उससे हमले के बारे में कोई सवाल नहीं पूछा, क्योंकि हम उसे तनाव नहीं देना चाहते।’

जहां दानिश की सेहत की वजह से उसका बयान नहीं लिया जा सका, वहीं सहिस्ता का बयान भी अब तक मैजिस्ट्रेट के सामने रिकॉर्ड नहीं करवाया जा सका है। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने जब डीएसपी अनुराग सिंह से इस बारे में सवाल किया, तो उन्होंने घुमा-फिराकर जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘इखलाक का परिवार अवसाद से गुजर रहा था और फिर दिल्ली शिफ्ट हो गया था।’

सिंह ने कहा, ‘पिछले सोमवार से हमने मैजिस्ट्रेट के सामने सहिस्ता का बयान दर्ज करवाने का प्रयास किया, लेकिन एक मौके पर कोर्ट बंद था और एक बार सहिस्ता की तबीयत ठीक नहीं थी। हम अगले सप्ताह तक सभी चीजें पूरी कर लेंगे।’ वहीं इस मामले में अभी 10 आरोपी पुलिस हिरासत में हैं। जांचकर्ताओं ने केस तैयार करते समय इखलाक के परिवार से बात कीं और मजबूत केस बनाने के लिए वे सहिस्ता का इंतजार कर रहे हैं।

इंग्लिश में पढ़ें: No chargesheet yet in Mohammad Akhlaq lynching case

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

Uttar Pradesh news in hindi, uttar pradesh news, उत्तर प्रदेश की खबरें, उत्तर प्रदेश के हिंदी समाचार