आसानी से पैसा बनाने के चक्कर में बर्बाद हो रहे हैं क्रिकेटर: मैकग्रा

चंडीगढ़
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज ग्लेन मैकग्रा का मानना है कि लोकप्रिय टी-20 लीग से कम समय में ज्यादा पैसा मिलने की वजह से दुनियाभर के तेज गेंदबाजों को नुकसान हो रहा है क्योंकि वे शुरुआती सफलता के बाद कड़ी मेहनत नहीं कर रहे हैं। मैकग्रा ने पीसीए स्टेडियम में अंडर-23 कोचिंग क्लीनिक के बाद कहा, ‘मुझे भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में जो सबसे बड़ा मसला लगता है वह यह है कि वे कितनी कड़ी मेहनत करते हैं। यदि खिलाड़ी आईपीएल या ऑस्ट्रेलिया में बिग बैश खेलकर थोड़ी सफलता हासिल कर लेते हैं तो उन्हें लगता है कि वे उच्च स्तर को हासिल कर चुके हैं और वे कड़ी मेहनत करना बंद कर देते हैं और बहुत ज्यादा प्रैक्टिस नहीं करते हैं।’

उन्होंने कहा, ‘युवा बोलर्स को कड़ी मेहनत करने के लिये तैयार रहना होगा और फिर उन्हें अपनी जगह बरकरार रखने के लिये और कड़ी मेहनत करनी होगी। इसके लिये कोई आसान विकल्प या शॉर्ट कट नहीं है। कई बार मैं देखता हूं कि युवा क्रिकेटर किसी खास स्तर पर पहुंचते हैं तो अचानक ही उन्हें अच्छा पैसा मिलने लगता है और वे मेहनत करना बंद कर देते हैं।’

मैकग्रा ने कहा, ‘मेरा मानना है कि पैसे को हमेशा सबसे ज्यादा प्राथमिकता नहीं देनी चाहिए। यह अच्छा है कि क्रिकेटर अच्छी कमाई कर रहे है लेकिन अगर आपने पैसे को दूसरी श्रेणी में रखा और हमेशा अच्छा प्रदर्शन करने, उसके लिये जी तोड़ मेहनत करने और खुद को बेस्ट साबित करने पर ध्यान दिया तो पैसा हमेशा आता रहेगा। मेरा मानना है कि हर क्रिकेटर को इस ओर ध्यान होना चाहिए। आपका सबसे बड़ा लक्ष्य अपने देश का प्रतिनिधित्व करना होना चाहिए।’

क्रिकेट बोर्ड अब गुलाबी गेंद से दिन-रात के क्रिकेट मैचों पर विचार कर रहे हैं और मैकग्रा ने कहा कि इससे खेल में नए आयाम जुड़ेंगे। उन्होंने कहा, ‘मुझे इससे परहेज नहीं है। टी-20 तेजी से आगे बढ़ रहा है लेकिन मेरे लिए टेस्ट क्रिकेट वास्तव में महत्वपूर्ण है।’ मैकग्रा ने कहा कि इस तरह के मुकाबलों से बोलर्स और खासकर फास्ट बोलर्स फायदे में रहेंगे।

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