आरटीआई का दावा, निगम की हड़ताल के दौरान केजरीवाल सरकार ने विज्ञापन पर खर्च किए 42 लाख

नई दिल्ली
चीफ मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट की अदालत में एक आरटीआई के हवाले से केजरीवाल सरकार पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। आरटीआई के हवाले से कोर्ट को बताया गया है कि दिल्ली में म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन की हड़ताल के दौरान केजरीवाल सरकार ने करीब 42 लाख के विज्ञापन दिए। आरोप लगाया गया है कि इस विज्ञापन में सरकार ने भ्रामक प्रचार किया कि MCD उनके अंडर में नहीं है।

याचिकाकर्ता ने मैजिस्ट्रेट मुनीष मरकन को बताया कि एक आरटीआई के जवाब में दिल्ली सरकार ने स्वीकार किया कि 30 अक्टूबर 2015 को 20 अखबरों में दिए गए विज्ञापन पर 42 लाख 1 हजार 405 रुपये खर्च किए गए। शिकायतकर्ता के वकील ब्रजेश शुक्ला ने बताया कि ‘झूठ फैलाने’ और लोगों को ‘गुमराह’ करने के लिए जनता के पैसे का इस्तेमाल किया गया।

कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 18 अक्टूबर की तारीख तय की है। शिकायतकर्ता ने कोर्ट को बताया कि अपने विज्ञापन में केजरीवाल दावा कर रहे हैं कि MCD उनके नियंत्रण में नहीं है। शिकायतकर्ता ने बताया कि नवंबर 2015 में उसकी एक RTI के जवाब में सरकार ने कहा था कि MCD उसके नियंत्रण में है।

शिकायतकर्ता ने कोर्ट से मांग की है कि आपराधिक मामला दर्ज कर दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल पर कार्रवाई की जानी चाहिए। शिकायतकर्ता के वकील ने बताया कि उन्होंने डीसीपी और उपराज्यपाल के पास भी शिकायत दर्ज करा रखी है, लेकिन कुछ नहीं हुआ।

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