आखिर क्यों और कहां देश छोड़ भाग रहे हैं भारत के करोड़पति?

ईशानी दत्तागुप्ता
मॉर्गन स्टेनली इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट के मुख्य वैश्विक रणनीतिकार रुचिर शर्मा ने हाल ही में दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि अपना देश छोड़ने वाले करोड़पतियों में सबसे अधिक भारत से हैं। उनका यह बयान एनडब्ल्यू वेल्थ के सर्वे पर आधारित था, जिसमें बताया गया था कि 2014 से अब तक करीब 23,000 करोड़पति भारत छोड़ चुके हैं। केवल 2017 में ही 7,000 करोड़पति पलायन कर गए।

आखिर ये करोड़पति देश छोड़कर क्यों और कहां जा रहे हैं? कनाडा में रियल स्टेट कारोबारी और मेनस्ट्रीट इक्विटी कॉर्प के सीईओ बॉब ढिल्लों इसे भारत से पलायन के तीसरे दौर के रूप में देख रहे हैं। इससे पहले पंजाब के गरीब और छोटे किसानों ने पश्चिमी देशों का रुख किया और फिर काम के बेहतर माहौल की तलाश में भारतीय प्रफेशनल्स ने देश छोड़ा।

इसमें हैरानी की बात नहीं है कि देश छोड़ने वाले सबसे अधिक अमीर इंटरनैशनल मार्केट को पकड़ने और अपने उद्यमी सपनों को पूरा करने के लिए अमेरिका का रुख कर रहे हैं।

इमिग्रेशन सर्विसेज देने वाली कंपनी EB5 के सिनियर वॉइस प्रेसिडेंट ब्रेनान सिम कहते हैं, ‘जल्दी ग्रीन कार्ड हासिल करने के लिए अमेरिका का EB-5 इन्वेस्टमेंट रूट सबसे लोकप्रिय है, क्योंकि यह सुरक्षित और कई अन्य देशों में नागरिकता के लिए प्रचलित तरीकों के मुकाबले सस्ता है। अपने बच्चों को अमेरिका में पढ़ाने के लिए भी बहुत से परिवार इसी रूट से ग्रीन कार्ड हासिल करते हैं। इसके अलावा H-1B की लंबी कतार में लगे प्रफेशनल्स भी इसका सहारा ले रहे हैं।’

ढिल्लों कहते हैं, ‘कनाडा भी भारतीय करोड़पतियों के लिए पसंदीदा देश है। कनाडा में लोगों के अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य और इन्फ्रास्ट्रक्चर मिलता है। भारतीय मूल के लोग यहां कई क्षेत्रों में अच्छा काम कर रहे हैं।’ मुंबई में वकालत करने वालीं वकील पूर्वी चोथानी कहती हैं कि 40 की उम्र पार कर चुके करोड़पति अभिभावक अपने बच्चों की शिक्षा के लिए पश्चिमी देशों में जाना चाहते हैं।

ग्लोबल लॉ फर्म फर्म डेविस ऐंड असोसिएट्स के ग्लोबल मैनेजिंग पार्टनर मार्क आई डेविस कहते हैं कि कुछ भारतीय पुर्तगाल और ग्रेनेडा जैसे देशों का आसानी से नागरिकता हासिल करने के बाद इसके सहारे अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन का रुख कर जाते हैं। उन्होंने कहा, ‘उद्यमी भारतीयों के लिए अमेरिका सबसे अच्छा अवसर उपलब्ध कराता है।’

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