अरविंद केजरीवाल के धरने पर भड़की कांग्रेस, कहा-‘किस बात की लड़ाई है?’

नई दिल्ली
दिल्ली में जारी गतिरोध और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत मंत्रियों के धरने पर कांग्रेस ने निशाना साधा है। दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने सीएम और दिल्ली सरकार के मंत्रियों के जल्द से जल्द काम पर वापस लौटने की मांग की है। शीला दीक्षित ने यह भी कहा कि दिल्ली के सीएम को पहले यहां की परिस्थितियों के बारे में ठीक से जानकारी लेनी चाहिए।

शीला दीक्षित ने कहा, ‘दिल्ली एक केंद्रशासित प्रदेश है और यह यूपी या हरियाणा जैसा नहीं है। केजरीवाल जी पहले जाकर पढ़ें और समझें। जब हमारा पहला टर्न था तब केंद्र में बीजेपी की सरकार थी। हमने राजनीतिक मतभेदों को भुलाकर आपसी तालमेल के साथ बेहतर तरीके से कार्यकाल पूरा किया था।’ उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में इस वक्त प्रदूषण के कारण हालात बहुत खराब हैं। ऐसे वक्त में मुख्यमंत्री का अपने मंत्रियों के साथ धरने पर बैठना बचकानी हरकत है।

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शीला दीक्षित ने कहा, ‘जब हमारी सरकार थी तब हमने भी अधिकारियों के साथ बेहतर तालमेल के साथ काम किया। 1999 में जब हमारी सरकार बनी तो मैंने पूर्व में नियुक्त चीफ सेक्रेटरी और विभिन्न विभागों के सरकारी अधिकारियों को हटाने की सिफारिश नहीं की और हमने अपने काम के साथ परिणाम दिया। केजरीवाल जी पहले यह तो स्पष्ट करें कि उनकी लड़ाई आखिर किसके साथ है?’

अजय माकन ने चीफ सेक्रेटरी के साथ दिल्ली सरकार के विवाद पर कहा, ‘दिल्ली के मुख्यमंत्री आईएएस अधिकारियों से सहयोगी की उम्मीद कैसे कर सकते हैं? वह चीफ सेक्रेटरी को अपने घर आमंत्रित करते हैं और फिर उनके साथ भी मारपीट करते हैं।’ हालांकि, दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार को हटाकर राष्ट्रपति शासन लगाने के पक्ष में नहीं है।

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