अमित शाह की चेतावनी, प्रदेश बीजेपी में बेचैनी

रामेश्वर दयाल, नई दिल्ली

लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर दिल्ली प्रदेश बीजेपी संगठन की कार्यप्रणाली पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने खासी नाराजगी जताई है। उन्होंने इस बात पर भी हैरानी जताई है कि जिन 19 प्वाइंट को लेकर पार्टी नेताओं को दिल्ली में प्रचार करना था, उसमें भी पार्टी नेता कमजोर नजर आए। बैठक में प्रदेश महामंत्रियों व पांच सांसदों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठे। अध्यक्ष ने चेतावनी दी है कि यदि सिस्टम को सुधारा नहीं गया तो आलाकमान को बड़ा कदम उठाना होगा। अध्यक्ष की इस चेतावनी से प्रदेश संगठन में खासी बेचैनी है।

प्रदेश बीजेपी में आजकल अफरातफरी का आलम नजर आ रहा है। शुक्रवार को प्रदेश पार्टी कार्यालय में नेता अपने कमरों में चर्चा में व्यस्त थे। कुछ नेता अपने साथियों को लेकर अन्य स्थानों पर बैठकें करने में मशगूल थे। चर्चा का विषय था राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह द्वारा ली गई बैठक। अध्यक्ष ने तीन बैठकें ली, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा कोर ग्रुप की बैठक को लेकर चल रही है। इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी, संगठन महामंत्री सिद्धार्थन, सातों सांसद के अलावा सभी पदाधिकारी भी मौजूद थे। बैठक में प्रदेश नेताओं की कार्यप्रणाली पर जिस तरह से सवाल उठे और यह भी कहा गया कि लोकसभा चुनाव को लेकर नेताओं को जो टारगेट दिया गया था, उसमें वे फेल रहे हैं। बैठक में नेताओं द्वारा दिए गए जवाब भी दिल्ली प्रदेश के नेताओं में चर्चा का विषय बने हुए हैं।

बैठक में शाह ने इस बात पर नाराजगी जताई कि उनकी जानकारी में दिल्ली के सात सांसदों में से पांच सांसदों का कार्य संतोषजनक नहीं है। न तो उन्होंने लोकसभा चुनाव के संचालन को लेकर समितियों का गठन किया और न ही लोकल नेताओं से गंभीर विचार विमर्श किया। जिस 19 प्वाइंट को लेकर आगामी लोकसभा चुनाव में जाने की बात की गई थी, उनमें से अधिकतर प्वाइंट पर गंभीरता से अमल नहीं किया गया। लापरवाही का आलम यह है कि सांसद व प्रदेश महामंत्री पार्टी के मंडल व जिला नेताओं से लगातार संपर्क बनाने में कोताही बरत रहे हैं। मंडलों के गठन को लेकर भी सवाल उठाए गए और कहा गया कि एमसीडी नेता भी अपने इलाके के नेताओं से समन्वय स्थापित करने में नाकाम रहे है। ऐसे व्यवहार से जिला व मंडलों में कार्य कर रहे नेताओं पर निराशा का भाव छा जाएगा। सूत्र बताते हैं कि इस बैठक में अमित शाह ने प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी से विशेष बातचीत नहीं की। उनका टारगेट सांसद थे। यह भी बताया जा रहा है कि बैठक में अध्यक्ष ने पार्टी नेताओं को अपना व्यवहार सुधारने की चेतावनी दी और कहा कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए उन्हें गंभीरता दिखानी होगी वरना पार्टी को दिल्ली के नेताओं को लेकर कड़े कदम उठाने होंगे।

अध्यक्ष की इस चेतावनी से प्रदेश नेताओं में बेचैनी है। इस बाबत वरिष्ठ स्तर के एक नेता ने माना कि दिल्ली में वाकई संगठन का काम उतना जानदार नजर नहीं आ रहा है, जितना अन्य राज्यों में है। उन्होंने माना कि पार्टी नेता अपने वर्करों से सीधे जुड़ने में कोताही बरतते हैं और पद पाकर अलग ही व्यवहार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली को लेकर हाईकमान का रुख खासा सख्त है। दिल्ली में नेताओं को गंभीरता दिखानी होगी वरना आगामी लोकसभा चुनाव में परेशानी खड़ी हो सकती है। उन्होंने कहा कि तीनों निगमों में भी नेताओं का व्यवहार कुशल नहीं है और वे दिल्ली के लिए काम करने को लेकर गंभीरता दिखाते नजर नहीं आ रहे हैं।

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