यहां मरीजों को खिलाई जाती है जिंदा मछली, 150 साल से कुछ यूं हो रहा इलाज
|हैदराबाद. यहां हर साल 5-8 जून के बीच दमा रोगियों के लिए जिंदा मछली का प्रसाद बंटता है। नामपल्ली स्टेशन के पास एक मैदान में दिव्य प्रसाद के लिए कई काउंटर लगाए जाते हैं। दावा है कि लगातार तीन साल ये प्रसाद खाने से दमा (अस्थमा) की बीमारी ठीक हो जाती है। खास बात है कि आंध्र-तेलंगाना सरकार भी इसे सपोर्ट करती आई हैं और प्रसाद के लिए करीब डेढ़ लाख मरल प्रजाति की मछलियों का इंतजाम किया जाता है। मुंह में डालते हैं 5 सेमी. की जिंदा मछली… – चार मीनार इलाके रहने वाली बत्तिनी गौड़ फैमिली 150 साल से मछली का प्रसाद देकर रोगियों को ठीक करती आई है। – देशभर से मृगशिरा कार्तिक के मौके पर हजारों लोग यहां पहुंचते हैं। बच्चों से लेकर बूढ़े तक प्रसाद के लिए लाइन में लगते हैं। – आयुर्वेदिक तरीके से बने पीले रंग के प्रसाद में 5 सेंटीमीटर लंबी जिंदा मछली को लपेटकर रोगियों के मुंह में डाला जाता है। – इस फैमिली का दावा है कि मछली रोगियों के पेट में पहुंचकर दमा की बीमारी को ठीक करती है। इससे कोई नुकसान नहीं है। कई बार लोगों ने किया विरोध – साइंटिस्ट और डाक्टर इसे…